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5G से बदल जाएगी टेलीकॉम की दशा, नया साल देश की टेलीकॉम कंपनियों के लिए अगले दशक की तय करेगा दिशा

दूरसंचार सेक्टर की हालत कोरोना महामारी का प्रकोप शुरू होने से पहले से ही खराब थी। सेक्टर ने इस वैश्विक महामारी का बहुत ही सराहनीय तरीके से सामना किया। नया कनेक्शन लेने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगी है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Sun, 27 Dec 2020 10:53 AM (IST)Updated: Mon, 28 Dec 2020 07:41 AM (IST)
5G से बदल जाएगी टेलीकॉम की दशा, नया साल देश की टेलीकॉम कंपनियों के लिए अगले दशक की तय करेगा दिशा
टेलीकॉम सेक्टर के लिए प्रतीकात्मक तस्वीर PC: Pixabay

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। दूरसंचार सेक्टर की हालत कोरोना महामारी का प्रकोप शुरू होने से पहले से ही खराब थी। सेक्टर ने इस वैश्विक महामारी का बहुत ही सराहनीय तरीके से सामना किया। नया कनेक्शन लेने वाले ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगी है, कंपनियों का प्रति ग्राहक राजस्व बढ़ा है और सरकार की तरफ से नए स्पेक्ट्रम की बिक्री की तिथि तय कर दी गई है। सबसे अहम बात यह है कि 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की जमीन लगभग तैयार हो चुकी है। जानकार मान रहे हैं कि नया वर्ष देश की टेलीकॉम कंपनियों के लिए अगले दशक की दशा व दिशा तय करेगा।

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टेकएआरसी नाम की एक शोध कंपनी की रिपोर्ट कहती है कि कोरोना संकट की चुनौतियों से पार पाने में इकोनॉमी की मदद करने वालों में टेलीकॉम सेक्टर की भूमिका सबसे अहम रही। लॉकडाउन के समय इसके बलबूते ही डिजिटल इकोनॉमी ने हालात संभाले।

इस रिपोर्ट के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान देश की इकोनॉमी का 35 फीसद हिस्सा टेलीकॉम से ही चल रहा था। पहली तिमाही (जब पूरी तरह लॉकडाउन था) में मोबाइल सेवा के जरिये भुगतान में करीब 17 फीसद का इजाफा हुआ था। मार्च और अप्रैल में टेलीकॉम ग्राहकों की संख्या घटी। ब्रॉडबैंड ग्राहकों की संख्या भी अप्रैल में कम हो गई थी। लेकिन परिस्थितियां अब सुधर गई हैं।

अक्टूबर, 2020 में 25 लाख नए ग्राहक बने हैं। पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से दिए गए आत्मनिर्भर भारत के मूल मंत्र का असर भी दिख रहा है। रिलायंस जियो में निवेश के लिए विदेशी कंपनियों की कतार इस बात का प्रमाण है कि भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में नई संभावनाओं की अभी बस शुरुआत हुई है। इस बात के भी संकेत मिल रहे हैं कि अभी 5जी को लेकर भारतीय कंपनियां कमर कस चुकी हैं।

सेल्यूलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआइ) के महानिदेशक ले. जनरल एसपी कोचर का कहना है कि अगले वर्ष की पहली छमाही में 5जी स्पेक्ट्रम आवंटन की संभावना मजबूत है। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य, स्मार्ट सिटी, मैन्यूफैक्च¨रग के साथ ही आम जनता की जीवन-शैली में भी भारी बदलाव आएगा। इससे देश में इंटरनेट कनेक्शन की संख्या दोगुना होकर 83 करोड़ के करीब हो जाएगी।

हर कंपनी की 5जी को लेकर अपनी तैयारी है। रिलायंस जियो ने पूरी तरह से घरेलू तकनीक पर आधारित 5जी सेवा लांच करने का एलान किया है, भारती एयरटेल ने नोकिया के साथ मिलकर बेहद आधुनिक एसआरएएन सॉल्यूशंस आधारित सेवा देने की बात कही है और वोडाफोन आइडिया भी पूरी तरह से 5जी के लिए तैयार दिखती है।

नोकिया ने चेन्नई स्थित अपने प्लांट में 5जी तकनीक के लिए जरूरी उपकरणों का उत्पादन भी शुरू कर दिया है। सरकारी कंपनी बीएसएनएल ने 5जी के लिए एरिक्सन के साथ काम शुरू किया है। स्टरलाइट टेक्नोलॉजी ने कहा है कि वह भारत में 5जी तकनीक का पूरा इकोसिस्टम तैयार कर रही है।

ग्राहकों पर ऐसे असर होंगे

इस वर्ष कंपनियों को नए स्पेक्ट्रम की खरीद व 5जी स्पेक्ट्रम में निवेश की वजह से ज्यादा पूंजी की जरूरत होगी, लिहाजा कॉल और इंटरनेट सेवाएं महंगी होने से इन्कार नहीं किया जा सकता। हालांकि 5जी की वजह से घरों में इंटरनेट आधारित टीवी, फ्रिज, एसी के साथ ही बिजली मीटर जैसे नए उपकरण भी जुड़ेंगे और इनका उपयोग बढ़ेगा। मोबाइल में इंटरनेट ऑफ ¨थग्स (आइओटी) एप्लीकेशंस आम होंगे। शिक्षा व स्वास्थ्य क्षेत्रों में 5जी का उपयोग तेजी से बढ़ेगा और यह आम जनता के लिए काफी फायदेमंद होगा। मीडियाटेक इंडिया के अंकु जैन का कहना है कि नए साल में हम नए तरीके व कई अत्याधुनिक सुविधाओं वाले 5जी आधारित मोबाइल फोन भी देखेंगे।

ये सब होंगे अगले वर्ष में

 - 5जी स्पेक्ट्रम का होगा आवंटन

- रिलायंस जियो 5जी तकनीक की संपूर्ण कंपनी बनने का देगी रोडमैप

- मोबाइल पर कॉल व इंटरनेट सेवाओं के महंगा होने के आसार

- भारत में निर्मित 5जी आधारित उपकरणों का उत्पादन होगा शुरू


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