चार लाख करोड़ से ज्यादा बढ़ गई 412 इन्फ्रा प्रोजेक्ट की लागत
देरी और अन्य कारणों से देश में 150 करोड़ या इससे ज्यादा की 412 परियोजनाओं की लागत 4.11 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। देरी और अन्य कारणों से देश में 150 करोड़ या इससे ज्यादा की 412 परियोजनाओं की लागत 4.11 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। मंत्रालय 150 करोड़ या इससे ज्यादा की परियोजनाओं पर नजर रखता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस श्रेणी की 1683 परियोजनाओं में से 412 की लागत बढ़ गई है, जबकि 471 परियोजनाएं तय समय से देरी से चल रही हैं। जून, 2020 के लिए मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, '1683 परियोजनाओं की शुरुआती लागत 20,65,336.20 करोड़ रुपये थी और अब इनके पूरा होने तक लागत 24,77,167.67 करोड़ रुपये तक पहुंच जाने का अनुमान है। इन पर अब तक 11,21,435.29 करोड़ रुपये का खर्च किया जा चुका है।'
रिपोर्ट में बताया गया है कि 127 परियोजनाएं एक से 12 महीने की देरी से, 112 परियोजनाएं 13 से 24 महीने की देरी से, 127 परियोजनाएं 25 से 60 महीने और 105 परियोजनाएं 61 महीने या उससे ज्यादा देरी से चल रही हैं। परियोजनाओं की देरी के लिए फाइनेंसिंग के लिए समझौते, टेंडर, उपकरणों की आपूर्ति जैसे कई अन्य कारण जिम्मेदार बताए गए हैं। वहीं भूमि अधिग्रहण और अन्य मंजूरियों में देरी के कारण लागत बढ़ी है।
उधर, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि इस समय अनेक रणनीतिक सुरंगों और पुलों से लेकर 22 हरित राजमार्गों के निर्माण में लगा भारत अगले दो साल में इस क्षेत्र में अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों की कतार में आ जाएगा। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण ढांचागत सुविधा के निर्माण पर समन्वित रुख के साथ जोर दिया जा रहा है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि देश के विभिन्न भागों में कई रणनीतिक सुरंग और पुल बनाये जा रहे हैं।