सरकार ने बनाई है 35 कंपनियों की सूची, पांच के विनिवेश की हो चुकी घोषणा
योजना यह है कि वर्ष 2020-21 और वर्ष 2021-22 में रणनीतिक बिक्री के लिए चयनित 30 अन्य कंपनियों का भी विनिवेश हो जाए।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (BPCL), शिपिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (SCI) व कंटेनर कॉरपोरेशन (कानकॉर) की रणनीतिक बिक्री के जरिये केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय कंपनियों की गहराई की थाह लेने की कोशिश कर रही है। अगर इन तीनों कंपनियों में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी की रणनीतिक बिक्री सफलतापूर्वक हो गई तो अगले वर्ष यह प्रक्रिया और तेज की जाएगी। योजना यह है कि वर्ष 2020-21 और वर्ष 2021-22 में रणनीतिक बिक्री के लिए चयनित 30 अन्य कंपनियों का भी विनिवेश हो जाए।
सूत्रों के मुताबिक सीसीईए की तरफ से बुधवार को पांच सार्वजनिक उपक्रमों में रणनीतिक बिक्री के फैसले के बाद अब सारी प्रक्रिया वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाला समूह (ऑल्टरनेटिव मैकेनिज्म) पूरा करेगा। यह समूह ही पीएसयू के रणनीतिक विनिवेश के समय, शेयरों की संख्या और मूल्य तय कर सकेगा। इस बारे में पिछली सरकार ने इस वर्ष मार्च में ही फैसला कर लिया था। यह मैकेनिज्म वर्ष 2017 से ही काम कर रहा था। लेकिन इस वर्ष इसे विनिवेश को लेकर सारे अधिकार सौंप दिए गए हैं। अब विनिवेश से जुड़े हर छोटे बड़े फैसलों के लिए सीसीईए की इजाजत जरूरी नहीं है।
वित्त मंत्री के अलावा सड़क परिवहन मंत्री इसके सदस्य हैं, जबकि संबंधित पीएसयू के प्रशासनिक विभाग के मंत्री को इसमें बतौर आमंत्रित सदस्य रखा गया है। मसलन, बीपीसीएल से जुड़े फैसले करने के लिए समूह में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को शामिल किया जाएगा।
मंगलवार को बीपीसीएल, एससीआइ, कॉनकोर के अलावा दो अन्य कंपनियों टीएचडीसीआइएल और नीपको में भी सरकार रणनीतिक बिक्री करने जा रही है। सिर्फ इन पांच कंपनियों से ही चालू वित्त वर्ष के लिए तय 1.05 लाख करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा। टीएचडीसीआइएल व नीपको को सरकारी क्षेत्र की ही एक अन्य पावर कंपनी एनटीपीसी को बेचा जाएगा। उक्त पांचों कंपनियां नीति आयोग की तरफ से तैयार उन 35 कंपनियों की सूची में शामिल हैं जिनकी रणनीतिक बिक्री की जानी है। इस सूची में पवनहंस, एयर इंडिया, ड्रेजिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, बीईएमएल, स्कूटर इंडिया, भारत पंप कंप्रेसर्स तथा सेल की भद्रावती, सालेम और दुर्गापुर इकाइयां शामिल हैं।
एयर इंडिया में भी सरकारी इक्विटी की रणनीतिक बिक्री की कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन इसमें अभी तक कोई खास सफलता नहीं मिली है। एयर इंडिया की विफलता देख ही बीपीसीएल, एससीआइ जैसे लाभ अर्जित करने वाले उपक्रमों को रणनीतिक बिक्री के लिए आगे किया गया है। इससे विनिवेश का माहौल बनेगा और देसी-विदेशी कंपनियों के मन में भरोसा बनेगा। इसके अलावा सरकार पहले ही हिंदुस्तान फ्लूरोकार्बन, हिन्दुस्तान न्यूजप्रिंट, एचएलएल लाइफ केयर और सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे पीएसयू के रणनीतिक विनिवेश को भी मंजूरी दे चुकी है।