रुइया को भी मिली सुप्रीम कोर्ट से फौरी राहत
नई दिल्ली। भारती सेल्युलर लि. के सह प्रबंध निदेशक सुनील मित्तल के बाद एस्सार ग्रुप के प्रमोटर रवि रुइया को भी अतिरिक्त 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़े मामले में फौरी राहत मिल गई है। रुइया ने चार्जशीट में नाम न होने के बावजूद सीबीआइ की विशेष अदालत द्वारा आरोपी के तौर पर दिए गए समन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। मुख्य न्यायाधीश अल्तमस क
नई दिल्ली। भारती सेल्युलर लि. के सह प्रबंध निदेशक सुनील मित्तल के बाद एस्सार ग्रुप के प्रमोटर रवि रुइया को भी अतिरिक्त 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन से जुड़े मामले में फौरी राहत मिल गई है। रुइया ने चार्जशीट में नाम न होने के बावजूद सीबीआइ की विशेष अदालत द्वारा आरोपी के तौर पर दिए गए समन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
मुख्य न्यायाधीश अल्तमस कबीर की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार को रुइया की याचिका पर सीबीआइ से जवाब मांगा है। साथ ही यह भी कहा कि विशेष सीबीआइ अदालत में सुनवाई 16 अप्रैल तक स्थगित रहेगी। रुइया और मित्तल की याचिका पर पीठ 15 अप्रैल को सुनवाई करेगी। मित्तल को राहत मिलने के बाद रुइया ने भी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। रुइया के वकील मुकुल रोहतगी ने विशेष सीबीआइ अदालत के फैसले को पूर्णतया गलत करार दिया। सीबीआइ ने मंगलवार को कहा था कि जांच के दौरान रुइया के खिलाफ उसे सुबूत मिले थे। इस पर अदालत ने पूछा था कि तो फिर उनका नाम चार्जशीट में क्यों नहीं है।
सीबीआइ की एफआइआर और चार्जशीट में नाम न होने के बावजूद मित्तल, रुइया और हचिसन मैक्स टेलीकॉम प्रा.लि. के तत्कालीन एमडी असीम घोष को विशेष अदालत ने 11 अप्रैल को पेश होने के लिए समन भेजा था।