2020 से लिस्टेड कंपनियों में होगा बड़ा बदलाव, गैर-कार्यकारी चेयरपर्सन की नियुक्ति होगी जरूरी
प्रमुख 500 कंपनियों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि 1 अप्रैल 2020 तक उनके बोर्ड में गैर-कार्यकारी चेयरपर्सन होगा
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, टीसीएस और भारतीय एयरटेल उन लिस्टेड कंपनियों में शुमार हैं जिन्हें 1 अप्रैल 2020 तक अपने बोर्ड में हर हाल में गैर कार्यकारी चेयरपर्सन की नियुक्ति करनी होगी। कंपनियों को ऐसा सेबी के ताजा दिशानिर्देश के मुताबिक करना होगा।
पूंजी बाजार नियामक सेबी के दिशानिर्देशों के मुताबिक अब अधिकांश कंपनियों को मैनेजिंग डायरेक्टर और चेयरमैन के पद को अलग-अलग करना होगा। अधिकांश कंपनियों ने वर्तमान में इन दोनों ही पदों को मर्ज कर एक पद सीएमडी (चेयरमैन-कम मैनेजिंग डायरेक्टर) का गठन कर दिया है। इससे बोर्ड और मैनेजमेंट के बीच हितों का टकराव के आसार बढ़ जाते हैं।
सेबी के नए नियमों के अनुसार, प्रमुख 500 कंपनियों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि 1 अप्रैल 2020 तक उनके बोर्ड में गैर-कार्यकारी चेयरपर्सन होगा। यह कदम चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर के पद को अलग अलग कर देगा। ये मानदंड कॉर्पोरेट प्रशासन पर सेबी की ओर से नियुक्त कोटक समिति द्वारा दी गई सिफारिशों की सीरीज का हिस्सा हैं।
18 जुलाई तक प्राइम डेटाबेस के आंकड़ों के मुताबिक, बाजार पूंजीकरण के आधार पर एनएसई पर सूचीबद्ध प्रमुख 500 कंपनियों में से 291 कंपनियों (58.2 फीसदी) को गैर कार्यकारी चेयरपर्सन की नियुक्ति करनी होगी जो कि सीईओ/ एमडी और चेयरपर्सन के पद को अलग अलग कर देगा। रिलायंस इंडस्ट्रीज, इंफोसिस, टीसीएस और भारती एयरटेल एवं समेत अन्य कंपनियों को जिन्हें इन दोनों पदों को अलग अलग करना होगा उनमें हिंदुस्तान यूनीलीवर, ओएनजीसी, कोल इंडिया, लार्सन एंड ट्यबरो और एचसीएल टेक्नोलॉजी प्रमुख है।