Initial Public Offerings: 28 कंपनियों ने 45,000 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए सेबी की मंजूरी हासिल की
Initial Public Offerings बाजार में जारी उथल-पुथल के बीच पिछले दो महीनों में सेबी के पास इनिशियलआईपीओ दस्तावेज दाखिल करने वाली कंपनियों की संख्या में अचानक तेजी आई है। हालांकि जोमेटो और पेटीएम के निराशाजनक प्रदर्शन से निवेशक सहमे हुए हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सेबी (SEBI) ने 2022-23 की अप्रैल-जुलाई की अवधि में आईपीओ (IPO) के माध्यम से कुल 45,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए 28 कंपनियों को अपनी मंजूरी दे दी है। जिन फर्मों ने नियामक की मंजूरी हासिल की है उनमें लाइफस्टाइल रिटेल ब्रांड फैबइंडिया (FabIndia), एफआईएच मोबाइल्स और फॉक्सकॉन टेक्नोलॉजी ग्रुप की सहायक कंपनी भारत एफआईएच, टीवीएस सप्लाई चेन सोल्यूशन, ब्लैकस्टोन समर्थित आधार हाउसिंग फाइनेंस और और बेबीकेयर चेन क्लाउडनाइन (Cloudnine) का संचालन करने वाली मैकलियोड्स फार्मास्युटिकल्स एंड किड्स क्लिनिक इंडिया है।
मर्चेंट बैंकरों ने कहा कि इन फर्मों ने अभी तक अपने आईपीओ की लॉन्च तिथि की घोषणा नहीं की है। ये अपने इश्यूज को जारी करने के लिए सही समय की प्रतीक्षा कर रहे हैं, क्योंकि बाजार की मौजूदा स्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं। आनंद राठी इन्वेस्टमेंट बैंकिंग में इक्विटी कैपिटल मार्केट्स के हेड प्रशांत राव ने एजेंसी से बातचीत में कहा कि मौजूदा माहौल चुनौतीपूर्ण है और जिन कंपनियों के पास मंजूरी है, वे शुरुआती शेयर-बिक्री शुरू करने के लिए सही अवसर की प्रतीक्षा कर रही हैं।
आईपीओ मार्केट में सुस्ती का संकेत
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार, कुल 28 कंपनियों ने अप्रैल-जुलाई 2022-23 के दौरान धन जुटाने के लिए आईपीओ जारी करने के लिए नियामक की मंजूरी प्राप्त की। इन फर्मों से कुल मिलाकर 45,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है। चालू वित्त वर्ष में अब तक 11 कंपनियां आईपीओ लाकर 33,254 करोड़ रुपये जुटा चुकी हैं। एलआईसी भी इनमें शामिल है। हालांकि इन सभी कंपनियों ने अप्रैल-मई के दौरान प्राइमरी मार्केट में प्रवेश किया, लेकिन उसके बाद एक भी सार्वजनिक निर्गम जारी नहीं किया, जो आईपीओ मार्केट में सुस्ती का संकेत देता है।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज में प्रमुख निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में आईपीओ के लिए उत्साह में कमी के लिए सेकेंडरी मार्केट में सुधार तथा पेटीएम और जोमेटो जैसी डिजिटल कंपनियों के खराब प्रदर्शन और एलआईसी के खराब पोस्ट लिस्टिंग को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। हालांकि, मोतीलाल ओसवाल इनवेस्टमेंट एडवाइजर्स के एमडी और सीईओ अभिजीत तारे का मानना है कि बाजार अभी-अभी अपने निचले स्तर से उबरे हैं। बाद के दिनों में कुछ कंपनियां बाजारों में उतरने की कोशिश जरूर करेंगी।
पिछले दो महीनों में आई तेजी
दिलचस्प बात यह है कि पिछले दो महीनों में सेबी के पास प्रारंभिक आईपीओ दस्तावेज दाखिल करने के लिए कंपनियों में अचानक तेजी आई है। जून-जुलाई के दौरान सुला वाइनयार्ड्स, एलाइड ब्लेंडर्स एंड डिस्टिलर्स, उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक और साई सिल्क कलामंदिर सहित कुल 15 कंपनियों ने शुरुआती शेयर-बिक्री के माध्यम से धन जुटाने के लिए अपने ड्राफ्ट पेपर के साथ सेबी से संपर्क किया।