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स्थाई होगी 15 फीसद कॉरपोरेट टैक्स की दर, बिना संसद की मंजूरी के नहीं बदली जा सकेगी दरें

कंपनियों को लंबी अवधि तक कॉरपोरेट की घटी हुई दर का लाभ मिलता रहेगा। संसद की मंजूरी के बगैर किसी भी सरकार के लिए आगे चलकर इस दर को बढ़ाना संभव नहीं होगा।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 23 Sep 2019 08:36 AM (IST)Updated: Mon, 23 Sep 2019 08:40 AM (IST)
स्थाई होगी 15 फीसद कॉरपोरेट टैक्स की दर, बिना संसद की मंजूरी के नहीं बदली जा सकेगी दरें
स्थाई होगी 15 फीसद कॉरपोरेट टैक्स की दर, बिना संसद की मंजूरी के नहीं बदली जा सकेगी दरें

नई दिल्ली, हरिकिशन शर्मा। घरेलू कंपनियों के लिए घोषित 15 फीसद कॉरपोरेट टैक्स की दर का कोई सनसैट नहीं होगा। इसका मतलब यह है कि इन कंपनियों को लंबी अवधि तक कॉरपोरेट की घटी हुई दर का लाभ मिलता रहेगा। संसद की मंजूरी के बगैर किसी भी सरकार के लिए आगे चलकर इस दर को बढ़ाना संभव नहीं होगा। इस तरह से सरकार ने भारत में निवेश करने वाली कंपनियों को पक्का भरोसा दिला दिया है कि कॉरपोरेट टैक्स की नई दर स्थाई होगी और इसका लाभ लंबे समय तक वे उठा सकेंगी।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को यहां कहा कि एक अक्टूबर के बाद बनी नई घरेलू कंपनियां अगर नया निवेश कर 31 मार्च 2023 से पहले उत्पादन शुरु कर देती हैं तो उनके लिए 15 फीसद की दर से कॉरपोरेट टैक्स का भुगतान करने का विकल्प होगा। इनके लिए कॉरपोरेट टैक्स (सैस और सरचार्ज को मिलाकर) की प्रभावी दर 17.01 फीसद होगी। नई घरेलू कपंनियों को यह सुविधा निरंतर मिलती रहेगी क्योंकि सरकार ने इसके लिए सनसैट क्लॉज का प्रावधान नहीं किया है।

सीतारमण ने कहा कि अक्सर सरकार जब कॉरपोरेट जगत को कोई प्रोत्साहन देती है तो उसके संबंध में सनसैट का प्रावधान करती है लेकिन 20 सितंबर को जारी किये गये अध्यादेश में हमने स्पष्ट कहा है कि कॉरपोरेट टैक्स में कटौती करके नई घरेलू कंपनियों को जो लाभ लेने की घोषणा की गयी है, उसका कोई सनसैट नहीं होगा। इससे उन कंपनियों को स्पष्टता रहेगी कि यह सुविधा छोटी अवधि के लिए नहीं बल्कि दीर्घकाल के लिए है। वित्त मंत्री ने साफ कहा कि आगे की सरकारों के लिए इन कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर को 15 प्रतिशत से बढ़ाना आसान नहीं होगा क्योंकि उन्हें इसके लिए संसद की मंजूरी लेनी होगी और इसके लिए स्पष्ट वजह बतानी पड़ेगी।

गौरतलब है कि सरकार ने शुक्रवार को एक अध्यादेश जारी कर कॉरपोरेट टैक्स घटाने की घोषणा की थी। सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स कटौती के रूप में उद्योग जगत को जो राहत दी है, उससे सरकार के खजाने पर लगभग 1,45,000 करोड़ रुपये बोझ पड़ने का अनुमान है। वित्त मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए निवेश करने के लिए भारत अब आकर्षक देश होगा क्योंकि दक्षिण-पूर्वी एशिया के किसी अन्य देश में नई कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स की दर 15 प्रतिशत नहीं है। चीन में भी कॉरपोरेट टैक्स की दर 25 प्रतिशत है।

माना जा रहा है कि ऐपल जैसी कंपनियां अब अपने प्लांट लगाने के लिए भारत का रुख कर सकती हैं। ऐपल के साथ उसकी कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग कपंनियां भी यहां अपने प्लांट लगायेंगी। ऐपल ने चीन में अपने साथ पूरे कंपोनेंट उद्योग को तैयार किया था जो आगे चल कर विश्वस्तरीय दूरसंचार कंपनी के तौर पर स्थापित हो चुकी हैं। भारत में भी ऐपल यह दोहरा सकती है। वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेगी और चालू वित्त वर्ष में आम बजट 2019-20 में आवंटित की गयी राशि को खर्च करने में किसी प्रकार की कटौती नहीं करेगी।

उन्होंने व्यय सचिव को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वह विभिन्न सरकारी विभागों और पीएसयू के साथ बैठक कर उन्हें बजट में आवंटित की गयी धनराशि को खर्च करने के लिए कहें। व्यय सचिव हर सप्ताह विभागों के साथ बैठक कर रहे हैं। पीएम-किसान योजना के तहत आवंटित पूरी राशि को भी खर्च किया जाएगा। एक सवाल के जवाब में वित्त मंत्री ने साफ किया कि फिलहाल सरकार व्यक्तिगत आयकर में कटौती के बारे में कोई विचार नहीं कर रही है।


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