Move to Jagran APP

एक और बड़े बैंक डिफॉल्ट का हुआ पर्दाफाश, 3,635 करोड़ बकाये के वसूली में जुटे 14 बैंक

इसकी तुलना फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी मेहुल चोकसी और स्टर्लिंग बायलिंग ग्रुप से की जा रही है

By NiteshEdited By: Published: Fri, 20 Sep 2019 05:47 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 05:47 PM (IST)
एक और बड़े बैंक डिफॉल्ट का हुआ पर्दाफाश, 3,635 करोड़ बकाये के वसूली में जुटे 14 बैंक
एक और बड़े बैंक डिफॉल्ट का हुआ पर्दाफाश, 3,635 करोड़ बकाये के वसूली में जुटे 14 बैंक

नई दिल्ली, आईएएनएस। 14 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के एक संघ ने शुक्रवार को बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई में मुंबई स्थित डिफॉल्टर फ्रॉटल इंटरनेशनल लिमिटेड से लगभग 3,635.25 करोड़ रुपये के कर्ज की वसूली की प्रक्रिया शुरू की है। इस डिफॉल्ट को हाल के महीनों में सबसे बड़े बैंक डिफॉल्ट में से एक बताया जा रहा है। इसकी तुलना फरार हीरा कारोबारी नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और स्टर्लिंग बायलिंग ग्रुप से की जा रही है, जिन्होंने बड़े पैमाने पर बैंक से लोन लेकर उसका भुगतान नहीं किया है और फरार चल रहे हैं।

loksabha election banner

बैंक ऑफ इंडिया के अलावा बैंकिंग संघ के अन्य बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, पंजाब नेशनल बैंक, सिंडिकेट बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया इंडियन ओवरसीज बैंक, यूको बैंक, विजया बैंक, इलाहाबाद बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया शामिल हैं।

इनमें से केवल दो बैंक, बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ बड़ौदा का अकेले क्रमशः 606.17 करोड़ रुपये और 526.05 करोड़ रुपये बकाया है। ये बकाया एक गैर-सूचीबद्ध कंपनी फ्रॉस्ट इंटरनेशनल पर है। सबसे कम बकाया आंध्र बैंक का है, इस बैंक का 47.85 करोड़ रुपये बकाया है, जबकि अन्य बैंकों का बकाया 100 करोड़ रुपये 390 करोड़ रुपये के सीमा के भीतर है। 

वसूली की प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए बैंकों के संघ ने कंपनी पर नोटिस चस्पा कर मुंबई के कुछ प्रमुख इलाकों में अचल संपत्तियों/ संपत्तियों को जब्त करने की धमकी दी है। इनमें ग्लोब एग्जिम प्राइवेट के स्वामित्व वाले अंधेरी ईस्ट में कार पार्किंग स्लॉट के साथ चार कार्यालय और ओबेरॉय चेम्बर्स-1 में 1 से 4 तक की दुकानें शामिल हैं। इसी परिसर में दुकान नंबर 101 से 108 तक की दुकानों को भी चेतावनी जारी की गई है।

बैंकों के संघ ने लोन डिफॉल्टरों को 60 दिन का समय दिया है ताकि वे अलग-अलग बैंकों से लिए गए सभी बकाये का भुगतान कर दें। इसमें डिफॉल्टरों को मूलधन के अलावा ब्याज भुगतान करने के लिए भी कहा गया है। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.