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एचडीआइ में बिना सुधार दस फीसद विकास दर संभव नहीं

अमिताभ कांत ने कहा कि देश में बाल मृत्यु और मातृत्व मृत्यु दर बहुत ऊंची है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 29 Jul 2018 01:42 PM (IST)Updated: Sun, 29 Jul 2018 02:18 PM (IST)
एचडीआइ में बिना सुधार दस फीसद विकास दर संभव नहीं
एचडीआइ में बिना सुधार दस फीसद विकास दर संभव नहीं

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश में स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मसलों पर ध्यान देने और इसमें सुधार करने की जरूरत इतनी ज्यादा है कि देश की आर्थिक विकास दर इसी पर निर्भर करेगी। इन मसलों पर ध्यान देने से ही मानव विकास सूचकांक (एचडीआइ) में सुधार किया जा सकता है। नीति आयोग का मानना है कि मानव विकास सूचकांक में सुधार होने पर ही देश दस फीसद आर्थिक विकास हासिल कर पाएगा।

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नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने यहां एक कार्यक्रम में कहा कि हमारी विकास दर इस समय करीब 7.5 फीसद है। अगर हमें अगले तीन दशक तक दस फीसद की आर्थिक विकास दर हासिल करनी है तो यह तब तक संभव नहीं होगी जब तक हम मानव विकास सूचकांक में सुधार नहीं कर लेते हैं।

बाल अधिकार संगठन प्लान इंडिया के कार्यक्रम में अमिताभ कांत ने कहा कि देश में बाल मृत्यु और मातृत्व मृत्यु दर बहुत ऊंची है। संयुक्त राष्ट्र की 2016 की मानव विकास सूचकांक पर रिपोर्ट के अनुसार 188 देशों में भारत 131वें स्थान पर था। देश में 200 पिछड़े जिलों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि सिर्फ सरकार के प्रयासों से इस स्थिति में सुधार लाना संभव नहीं है। गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) इस काम में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता शबाना आजमी ने भी शिरकत की और अपना पक्ष रखा।


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