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पोस्ट ऑफिस की स्कीमों में भी मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी, जानिए

पोस्ट ऑफिस में चलने वाली तमाम योजनाओं में भी कई नियम व शर्तें लागू होते हैं जिनका पालन आपको करना होता है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 19 Mar 2018 02:09 PM (IST)Updated: Sat, 24 Mar 2018 01:27 PM (IST)
पोस्ट ऑफिस की स्कीमों में भी मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी, जानिए
पोस्ट ऑफिस की स्कीमों में भी मिनिमम बैलेंस रखना जरूरी, जानिए

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश का डाक विभाग कस्टमर्स को काफी सारी निवेश योजनाएं उपलब्ध करवाता है। डाक विभाग की ओर से 9 निवेश योजनाएं संचालित की जाती हैं। ये योजनाएं पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट, 5 वर्षीय पोस्ट ऑफिस रेकरिंग डिपॉजिट अकाउंट (आरडी), पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट अकाउंट (टीडी), पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम अकाउंट (एमआईएस), सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (एससीएसएस), 15 वर्षीय पब्लिक प्रॉविडंट फंड (पीपीएफ), 5 वर्षीय नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी), किसान विकास पत्र और सुकन्या समृद्धि अकाउंट। आयकर छूट लाभ और आकर्षक ब्याज दरों के कारण ये योजनाएं आम लोगों के बीच काफी ज्यादा पॉपुलर हैं। जानिए इन योजनाओं से जुड़ी कुछ अहम बातें।

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ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता सिर्फ सामान्य बैंकों में ही लागू होती है। ऐसे ही नियम व शर्तें पोस्ट ऑफिस की तमाम निवेश योजनाओं पर भी लागू होते हैं। इंडिया पोस्ट वेबसाइट के मुताबिक हर योजना के मुताबिक मिनिमम बैलेंस की अनिवार्यता यहां पर भी लागू होती है।

जानिए कहां होना चाहिए कितना मिनिमम बैलेंस:

  • सेविंग बैंक (चेक अकाउंट): मिनिमम 500 रुपए का बैलेंस।
  • सेविंक बैंक (बिना चेक वाला अकाउंट): मिनिमम 50 रुपए का बैलेंस।
  • एमआईएस (MIS): मिनिमम 1500 रुपए का बैलेंस।
  • टर्म डिपॉजिट (टीडी): मिनिमम 200 रुपए का बैलेंस।
  • पीपीएफ (PPF): मिनिमम 500 रुपए का बैलेंस।
  • सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम्स: मिनिमम 1000 रुपए का बैलेंस।

डेली विदड्रॉल लिमिट भी होती है लागू:

  • डेली एटीएम कैश विदड्रॉल लिमिट: 25,000 रुपए
  • प्रति ट्रांजेक्शन कैश विदड्रॉल लिमिट: 10,000 रुपए

ATM ट्रांजेक्शन:

  • डाक विभाग के एटीएम से ट्रांजेक्शन पर लगने वाला चार्ज: ये आमतौर पर फ्री होता है आप प्रति दिन 5 ट्रांजेक्शन बिना किसी शुल्क के कर सकते हैं।
  • अन्य बैंकों के एटीएम से फ्री निकासी: मेट्रो शहरों में तीन और नॉन मेट्रो शहरों में 5 तक।
  • निकासी की सीमा पार करने पर लगने वाला शुल्क: फाइनेंशियल और नॉन फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन पर प्रति ट्रांजेक्शन 20 रुपए और जीएसटी।

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