ये 5 बातें याद रखेंगे तो खुद को डेबिट कार्ड फ्रॉड से बचा पाएंगे आप
कार्ड यूजर को ऐसे किसी भी कॉल का जवाब देने से बचना चाहिए जिसमें कार्ड डिटेल साझा करने को कहा जा रहा हो
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश में जितनी तेजी से कार्ड (डेबिट एवं क्रेडिट) यूजर्स की संख्या में इजाफा हो रहा है उतनी ही तेजी से इससे जुड़े फ्रॉड के मामले सामने आ रहे हैं। इस तरह के कई मामले संज्ञान में आए हैं जिसमें कोई व्यक्ति बैंक एग्जीक्यूटिव बनकर कार्ड यूजर को फ्रॉड का शिकार बनाता है। ऐसे लोग कार्ड यूजर्स की डिटेल हासिल कर उसे चपत लगाते हैं।
इस तरह के तमाम मामलों में यह ध्यान देने योग्य बात है कि धोखाधड़ी करने वाला शख्स इस बात का फायदा उठाता है कि आमतौर पर पीड़ित व्यक्ति या तो अनजान होता है या फिर वो मॉर्डन बैंकिंग नियमों को भूल जाता है। यूजर्स को यह बात मालूम होनी चाहिए कि बैंक अधिकारी समेत किसी के भी साथ आपको अपनी बैंक डिटेल साझा नहीं करनी चाहिए।
अपने पिन को रखें सेफ: रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने बैंकों को सलाह दी है कि वो अपने ग्राहकों से अकाउंट संबंधी डिटेल न मांगें। कार्ड होल्डर्स आमतौर पर अपने परिवार एवं अन्य लोगों को कार्ड एवं उसके पिन की जानकारी दे देते हैं और उनसे पैसों की निकासी करवाते हैं। अपने कार्ड और पिन की जानकारी साझा करना किसी को अपने खाते की कुंजी और गाढ़ी कमाई देने जैसा है। आपको ऐसा करने से बचना चाहिए। साथ ही आपको अपने कार्ड के पीछे इसका पिन नहीं लिखना चाहिए। साथ ही आपको अपने कार्ड के पिन को नियमित अंतराल पर बदलते रहना चाहिए और इसे थोड़ा मुश्किल रखना चाहिए ताकि इसका कोई आसानी से अंदाजा न लगा पाए।
अपने मोबाइल नंबर और ईमेल को अपडेट करते रहें: बैंकिंग नियामक नियमों के मुताबिक सभी बैंक डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड के ट्रांजेक्शन के संबंध में अपने ग्राहकों को अलर्ट भेजते रहते हैं। तो यह सुनिश्चित कीजिए कि आपने बैंक के पास अपना लेटेस्ट मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी ही रजिस्टर्ड कराया है। ऐसा करने से आपको अपने मोबाइल और ईमेल पर डेबिट और क्रेडिट कार्ड के लेनदेन की सूचना मिलती रहेगी।
फ्रॉड कॉल और मैसेज को करें नजरअंदाज: बैंक की ओर से आने वाले ऐसे किसी भी ई-मेल/एसएमएस/वॉयस कॉल का जवाब देने से बचें, जिसमें आपसे अकाउंट संबंधी डिटेल साझा करने को कहा जा रहा हो जैसे कि पिन नंबर, ओटीपी, यूपीआई क्रेडेंशियल वैलिडेशन मैसेज और इत्यादि। ऐसी सूरत में बैंक के संपर्क में रहें और अपने बैंक की हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर इसकी जानकारी दें।
बैंक स्टेटमेंट को चेक करते रहें: कार्ड होल्डर्स को अपने बैंक स्टेटमेंट को चेक करते रहना चाहिए, ताकि आपको किसी भी संदिग्ध गतिविधि का पता चल सके। इस तरह के कई मामले सामने आए हैं जिसमें धोखेबाजों ने किसी खाते से नियमति अंतराल पर कुछ-कुछ पैसे निकाले हैं, इस तरह के लेन-देन पर आमतौर पर ध्यान नहीं दिया जाता है।
किसी भी गलत गतिविधि की तुरंत शिकायत करें: ग्राहकों को बैंक के साथ किसी भी तरह की धोखाधड़ी गतिविधि की तुरंत सूचना देनी चाहिए। लोगों को इसे बैंक के संज्ञान में लाना चाहिए, फिर भले ही ये पैसों का नुकसान न हो क्योंकि डेटा की चोरी भी खतरनाक होती है। आपको ऐसे मामलों में सतर्क रहना चाहिए।
यह भी पढ़ें: IRCTC देता है सीनियर सिटिजन को ट्रेन टिकट में भारी छूट, जानिए मिलता है कितना फायदा?
SBI के जीरो बैलेंस अकाउंट हैं काफी खास, नहीं होती है मिनिमम बैलेंस मेंटेन करने की जरूरत