SBI रीइन्वेस्टमेंट प्लान: ब्याज दर से लेकर समयपूर्व निकासी तक सब जानें
एसबीआई रीइन्वेस्टमेंट प्लान में समयपूर्व निकासी की सुविधा मिलती है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) देश का सबसे बड़ा ऋणदाता बैंक है जो कि बचत और फिक्स्ड डिपॉजिट खातों पर कई तरह के ब्याज देता है। एसबीआई के पास कई तरह के प्लान हैं जिनमें एक प्लान रीइन्वेस्टमेंट प्लान है। यह प्लान एक निश्चित जमा की तरह काम करता है। एसबीआई फिक्स्ड डिपॉजिट और रीइन्वेस्टमेंट प्लान के बीच अंतर यह है कि एसबीआई फिक्स्ड डिपॉजिट प्लान में जमा की अवधि के दौरान नियमित फ्रीक्वेंसी पर ब्याज का भुगतान किया जाता है, जबकि रीइन्वेस्टमेंट प्लान में ब्याज केवल अवधि के समय ही किया जाता है।
एसबीआई रीइन्वेस्टमेंट प्लान की बड़ी बातें: एसबीआई रिइन्वेस्टमेंट प्लान में आपको कम से कम 1000 रुपये की किश्त जमा करनी होती है। इसमें निवेश के लिए कोई मैक्सिमम लिमिट नहीं होती है।इसमें भी फिक्स्ड डिपॉजिट की तरह ब्याज मिलता है
एसबीआई ब्याज रेट:
अवधि: इसकी अवधि छह महीने से 10 साल तक के लिए है।
समयपूर्व निकासी: एसबीआई रीइन्वेस्टमेंट प्लान में समयपूर्व निकासी की सुविधा मिलती है। खुदरा फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए रुपये 5 लाख, समयपूर्व निकासी के लिए जुर्माना 0.50 फीसद (सभी कार्यकर्ता) देना होगा, 5 लाख रुपये से ऊपर और एक करोड़ से कम खुदरा फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए जुर्माना 1 फीसद देना (सभी कार्यकर्ता) होगा।
0.50 फीसद या 1 फीसद ब्याज दर के लिए जमा राशि के समय एसबीआई या 0.50 फीसद या अनुबंधित दर से 1 फीसद कम होनी चाहिए, जो भी कम हो। हालांकि, जमा पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा जो सात दिनों से कम अवधि के लिए रहता है।
टीडीएस: एसबीआई रीइन्वेस्टमेंट प्लान में स्रोत पर कटौती कर के अधीन है। फॉर्म 15 जी/15 एच जमा नहीं होने पर टीडीएस प्रचलित आयकर दर पर कटौती की जाती है।
लोन सुविधा: ग्राहकों को रिइन्वेस्टमेंट प्लान पर मिलने वाली ब्याज दर फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाले ब्याज दर से 1 फीसद ज्यादा होती है। साथ ही ग्राहकों को ओवरड्राफ्ट पर 90 फीसद लोन मिल सकता है।