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बैंक नहीं बल्कि आपकी सैलरी तय कर देती है कितना मिलेगा लोन, अपनाया जाता है यह तरीका

जानिए किन पैरामीटर्स के आधार पर बैंक आपको लोन मुहैया कराते हैं

By Praveen DwivediEdited By: Published: Fri, 13 Jan 2017 04:12 PM (IST)Updated: Fri, 13 Jan 2017 04:17 PM (IST)
बैंक नहीं बल्कि आपकी सैलरी तय कर देती है कितना मिलेगा लोन, अपनाया जाता है यह तरीका
बैंक नहीं बल्कि आपकी सैलरी तय कर देती है कितना मिलेगा लोन, अपनाया जाता है यह तरीका

नई दिल्ली। अगर आप नौकरीपेशा है तो हर महीने आपके खाते में एक निश्चित रकम आती होगी। अपने होम टाउन से दूर किसी दूसरे शहर में आम तौर पर तीन चार साल की नौकरी के बाद लोग मकान और गाड़ी खरीदने की योजना बनाने लग जाते हैं। इस योजना में किसी भी तरह की फाइनेंशियल उलझन को वो बैंक दूर कर देते हैं जो अपने ग्राहकों को लुभाने के लिए अक्सर आकर्षक ऑफर पेश करते रहते हैं। लेकिन कई दफे ऐसा भी होता है कि बैंक आपके लोन की अर्जी को खारिज कर देता है। इसकी प्रमुख वजह लोने लेने वाले व्यक्ति की अधिक सेविंग और इंवेस्टीमेंट हिस्ट्रीव न होना होती है। ऐसे में दैनिक जागरण की टीम इस खबर के माध्यम से आपको यह जानकारी देने की कोशिश करेगी कि किन पैरामीटर्स के आधार पर बैंक आपको लोन मुहैया कराते हैं।

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पहला कदम:

लोन लेने वाला व्यक्ति कितनी ईएमआई चुकाने में सक्षम है बैंक इसी आधार पर लोन को मंजूर करते हैं। लोन देने के पहले बैंक व्यक्ति का इनकम स्टेटमेंट देखता है। इसके लिए बैंक आपकी सैलरी स्लिप, टैक्स रिटर्न या फिर सैलरी अकाउंट वाला बैंक स्टेटमेंट मांगती है। बैंक आपकी कुल मासिक आय में सैलरी, इंटरेस्ट इनकम, रेंटल इनकम आदि जोड़कर देखता है। ये सारी जानकारियां आपकी बैंक स्टेटमेंट में होती है।

दूसरा कदम:

लोन लेने वाले व्यक्ति की इनकम को परखने के बाद बैंक बचत को कैल्कुलेट करता है। बचत आम तौर पर आय के स्तर और रहन-सहन पर निर्भर करती है। इसके लिए बैंक थंब-रूल ऑफ 30 अपनाता है। मान लीजिए आप 50,000 रुपए महीना कमाते हैं तो बैंक खुद यह मान लेता है कि आप 30 फीसदी तो बचत करते ही होंगे। मतलब 15 हजार रुपए प्रति महीना। बैंक इस रकम को आपकी मासिक बचत मान लेता है।

तीसरा कदम:

लेकिन अगर आप लोन लेने से पहले ही किसी ईएमआई का भुगतान कर रहे हैं तो उसे आपकी बचत से काट लिया जाता है। उदाहरण के तौर पर अगर आपकी सेविंग्स 15 हजार रुपए महीना है और आप 2400 रुपए की ईएमआई कार लोन के तौर पर दे रहे हैं तो बैंक आपकी नेट सेविंग्स 12,600 रुपए मानेगा और इसी के आधार पर आपको लोन देगा।

चौथा कदम:

कुछ अन्य जांच परख और कैल्कुलेशन के बाद यह निकाला जाता है कि कितनी ईएमआई देने के लिए आप बचत करने में सक्षम है। अगर आपकी मासिक बचत 12,600 रुपए है तो बैंक मान लेता है कि आप इतनी ईएमआई दे सकते हैं। अगर ब्याज दर 10 फीसदी है और लोन 10 साल के लिए लिया है तो आप 9.5 लाख रुपए के लोन के लिए योग्य हैं।

पांचवा कदम:

पांचवां और सबसे अहम कदम सिबिल स्कोर होता है, जो कि आपके लोन की मंजूरी में अहम भूमिका निभाता है। भले ही लोन देने वाला बैंक आपकी अच्छीे स्थिति की गवाही दे रहा हो, लेकिन बैंक अंतिम निर्णय आपके सिबिल स्कोर पर ही देता है। अगर आपका सिबिल स्कोर बढि़या है तो बैंक आपके लिए लोन का अमाउंट बढ़ा सकता है इसके साथ ही आपको इंटरेस्ट रेट में भी रियायत मिल सकती है।


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