सुकन्या समृद्धि योजना हुई और आकर्षक एवं फायदेमंद, जानिए अपने काम की सारी बातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुकन्या समृद्धि योजना को जनवरी 2015 में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत लॉन्च किया था
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार ने हाल ही में छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाली ब्याज दर में इजाफा किया है। छोटी बचत योजनाओं में पीपीएफ, एमआईएस, एनएससी और सुकन्या समृद्धि योजना प्रमुखता से आती है। ऐसे में अगर आप अपनी बच्ची की शादी, उसकी पढ़ाई एवं वित्तीय सुरक्षा के लिए निवेश करना चाहते हैं तो सुकन्या आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प है क्योंकि इस पर अब आपको पहले की तुलना में ज्यादा ब्याज मिलेगा। अब इस योजना में 8.5 फीसद की दर से ब्याज मिलेगा जबकि पहले यह ब्याज दर 8.1 फीसद की थी। नई ब्याज दरें एक अक्टूबर 2018 से लागू होंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुकन्या समृद्धि योजना को जनवरी 2015 में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत लॉन्च किया था। यह बच्ची के वित्तीय भविष्य के लिहाज से एक शानदार स्कीम मानी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह एक सरकार समर्थित स्कीम है और इस पर ब्याज दर भी काफी अच्छा है। इसका खाता आप किसी भी अधिकृत वाणिज्यिक बैंक या फिर भारतीय डाकघर में खुलवा सकते हैं।
हम अपनी इस खबर में आपको इस स्कीम के 10 फीचर बता रहे हैं जिन्हें आपको हर हाल में जानना चाहिए...
- सुकन्या समृद्धि अकाउंट को लड़की के अभिभावक एवं पिता की ओर से लड़की के नाम पर खुलवाया जा सकता है।
- एक अभिभावक एक लड़की के नाम पर एक ही अकाउंट खुलवा सकता है और अधिकतम 2 लड़कियों के नाम पर दो खाते।
- सुकन्या समृद्धि अकाउंट को लड़की के जन्म से 10 वर्ष की आयु तक खुलवाया जा सकता है।
- इस खाते में एक साल के भीतर न्यूनतम 250 रुपये का और 1,50,000 रुपये का सालाना निवेश किया जा सकता है। इस खाते को खुलवाए जाने के अगले 15 वर्षों तक जारी रखा जा सकता है।
- इस खाते की मैच्योरिटी लड़की के 21 वर्ष पूरा होने पर खत्म हो जाती है। एक बार खाते के मैच्योर होने पर आप मैच्योरिटी की राशि निकाल सकते हैं, इसके साथ आपको ब्याज का भी भुगतान किया जाता है।
- एक बार जब सुकन्या समृद्धि अकाउंट मैच्योरिटी तक पहुंचता है इस पर ब्याज मिलना बंद हो जाता है।
- अगर खाताधारक बच्ची की शादी खाते के मैच्योर होने से पहले हो जाती है तो बैलेंस अमाउंट की निकासी की जा सकती है। हालांकि इसके लिए एफिडेविट देना होता है।
- जैसे ही लड़की या तो 10वीं पास हो या फिर 18 वर्ष की हो जाए अकाउंट से आंशिक निकासी की जा सकती है। इस खाते में जमा अधिकतम 50 फीसद राशि को बच्ची की शिक्षा के लिए निकाला जा सकता है।
- मैच्योरिटी की राशि को निकालने के लिए सिर्फ वही लड़की ही अधिकृत होती है जिसके नाम पर खाता होता है।
- यह सेविंग स्कीम पूरी तरह से टैक्स फ्री होती है।