SBI में निवेश के लिए FD ज्यादा बेहतर है या RD, यहां जानें सबकुछ
मिडिल क्लास लोगों को फिक्स डिपॉजिट और आवर्ती जमा सबसे ज्यादा पसंद आते हैं क्योंकि ये चलाने में आसान हैं।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। भारतीय स्टेट बैंक देश के नागरिकों को फिक्स डिपॉजिट (FD) और आवर्ती जमा (RD) की सुविधा प्रदान करता है, जिसमें लोग छोटे या बड़े स्तर पर धन निवेश कर सकते हैं। भारतीय स्टेट बैंक की कई अन्य बचत स्कीम जैसे कि एसबीआई टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) आदि में भी निवेश किया जा सकता है।
मिडिल क्लास लोगों को फिक्स डिपॉजिट और आवर्ती जमा सबसे ज्यादा पसंद आते हैं, क्योंकि ये चलाने में आसान, रिस्क फ्री, अन्य सरकारी सेविंग ऑप्शन जैसे कि ईपीएफ, पीपीएफ, एनपीएस और एनएससी के मुकाबले ज्यादा आसान हैं।
फिक्स डिपॉजिट और आवर्ती जमा दोनों में वरिष्ठ नागरिकों को 0.50 फीसद अधिक ब्याज दर के लाभ मिलते हैं। भारतीय स्टेट बैंक ने हाल ही में फरवरी 2019 में सभी लागू जमा स्लैबों में एफडी दरों को संशोधित किया है।
ब्याज दर: एसबीआई 22 फरवरी, 2019 से 2 करोड़ रुपये से कम जमा के लिए एफडी पर 5.75 फीसद से 6.85 फीसद की ब्याज दर देता है। आवर्ती जमा पर मिलने वाला ब्याज भारतीय स्टेट बैंक के टीडीआर/एसटीडीआर के लिए आरडी की अवधि पर लागू होता है।
कार्यकाल: एसबीआई फिक्स डिपॉजिट में 7 दिन से 45 दिन, 46 दिन से 179 दिन, 180 दिन से 210 दिन, 211 दिन से 1 साल से कम, 1 साल से 2 साल से कम, 2 साल से 3 साल से कम, 3 साल से 5 साल से कम और 5 साल से 10 साल तक की अवधि के लिए निवेश किया जा सकता है। वहीं आवर्ती जमा में न्यूनतम 12 माह और अधिकतम 120 माह की अवधि के लिए निवेश किया जा सकता है।
जमा: कोई भी व्यक्ति भारतीय स्टेट बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट प्लान में 2 करोड़ रुपये से कम राशि जमा कर सकता है। आवर्ती जमा में कोई भी व्यक्ति न्यूनतम 100 रुपये और उसके बाद 10 रुपये के गुणक में जमा कर सकता है, इसमें सर्वाधिक जमा करने की कोई सीमा नहीं है।
लोन की सुविधा: भारतीय स्टेट बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट और आवर्ती जमा पर लोन की सुविधा भी मिलती है। एसबीआई फिक्स्ड डिपॉजिट और आवर्ती जमा में जमा धन के 90 फीसद हिस्से तक पर लोन लिया जा सकता है।
टीडीएस: फिक्स्ड डिपॉजिट और आवर्ती जमा पर मिलने वाले ब्याज पर टीडीएस लगता है। फिलहाल टीडीएस एक वित्तीय वर्ष में 10 हजार रुपये से अधिक के ब्याज पर लागू होता है। भविष्य में टीडीएस की सीमा को बढ़ाकर 40 हजार रुपये करने का प्लान है, क्योंकि एक्टिंग फाइनेंस मिनिस्टर पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट 2019-20 में इसमें बदलाव का प्रस्ताव दिया था।