Move to Jagran APP

बैंक के बजाय प्राइवेट कंपनी में करा रखा है फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट तो जरूर जानें RBI ने क्‍या बनाई व्‍यवस्‍था

बैंकों के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अब NBFC पर सख्‍त निगरानी शुरू कर दी है। केंद्रीय बैंक ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर निगरानी बढ़ाने के लिए बैंकों की तर्ज पर त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं।

By Ashish DeepEdited By: Published: Wed, 15 Dec 2021 09:34 AM (IST)Updated: Wed, 15 Dec 2021 09:34 AM (IST)
बैंक के बजाय प्राइवेट कंपनी में करा रखा है फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट तो जरूर जानें RBI ने क्‍या बनाई व्‍यवस्‍था
रिजर्व बैंक ने कहा कि एनबीएफसी के लिए संशोधित पीसीए मानक 1 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी होंगे।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। बैंकों के बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने अब NBFC पर सख्‍त निगरानी शुरू कर दी है। केंद्रीय बैंक ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) पर निगरानी बढ़ाने के लिए बैंकों की तर्ज पर त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) के संशोधित दिशानिर्देश जारी किए हैं। रिजर्व बैंक ने कहा कि एनबीएफसी के लिए संशोधित पीसीए मानक 1 अक्टूबर, 2022 से प्रभावी होंगे। हालांकि, सार्वजनिक स्वामित्व वाली एनबीएफसी को इसके दायरे से बाहर रखा गया है। PCA के तहत आरबीआई कभी भी वित्‍तीय कंपनी के बैंकिंग संबंधित कामकाज पर रोक लगा सकता है।

loksabha election banner

केंद्रीय बैंक ने कहा कि संशोधित पीसीए प्रारूप डिपॉजिट स्वीकार करने वाली सभी एनबीएफसी, डिपॉजिट नहीं लेने वाली एनबीएफसी, निवेश व साख कंपनियों और सूक्ष्म वित्त संस्थानों पर भी लागू होंगे। लेकिन सार्वजनिक कोष स्वीकार नहीं करने वाली एनबीएफसी इसके दायरे से बाहर रहेंगी। आरबीआई इससे पहले बैंकों के लिए पीसीए प्रारूप लागू कर चुका है, जिसमें बकाया कर्ज के बोझ तले दबे बैंकों पर सख्त निगरानी लागू की गई है। इसके तहत बैंकों को नए कर्ज जारी करने और भर्तियों से भी रोका जाता है।

रिजर्व बैंक ने कहा कि एनबीएफसी पर सख्त पीसीए मानक लागू होने की स्थिति में डिविडेंड देने पर रोक लगने के साथ ही गारंटी देने से भी रोक दिया जाएगा। इसके अलावा रणनीति, शासन, प्रमुख पूंजी, ऋण जोखिम में गड़बड़ी पर भी विशेष कदम उठाए जाएंगे। संशोधित पीसीए प्रारूप में आरबीआई प्रवर्तकों को एनबीएफसी का नया प्रबंधन लाने और मौजूदा प्रबंधकों और निदेशकों को हटाने का सुझाव भी दे सकता है।

केंद्रीय बैंक ने कहा कि एनबीएफसी आकार में बढ़ रहे हैं और वित्तीय प्रणाली के अन्य क्षेत्रों के साथ पर्याप्त रूप से जुड़े हुए हैं। एनबीएफसी पर निगरानी मजबूत करने के लिए एनबीएफसी के लिए एक पीसीए फ्रेमवर्क स्थापित करने का फैसला लिया गया है। पीसीए फ्रेमवर्क की समीक्षा 3 साल के संचालन के बाद की जाएगी। एनबीएफसी को आम तौर पर आरबीआई द्वारा किए गए मूल्यांकन के आधार पर पीसीए फ्रेमवर्क के तहत रखा जाएगा। हालांकि, केंद्रीय बैंक एक साल के दौरान किसी भी एनबीएफसी पर पीसीए लगा सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.