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इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के खातों में नहीं रखना होता है मिनिमम बैलेंस, आपको मिलेंगे ये फायदे

आईपीपीबी पेश करता है जीरो बैलेंस अकाउंट, जानिए खाताधारक को मिलते हैं क्या क्या फायदें

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 06 Sep 2018 03:57 PM (IST)Updated: Fri, 07 Sep 2018 07:28 AM (IST)
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के खातों में नहीं रखना होता है मिनिमम बैलेंस, आपको मिलेंगे ये फायदे
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के खातों में नहीं रखना होता है मिनिमम बैलेंस, आपको मिलेंगे ये फायदे

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते हफ्ते इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) लॉन्च किया है। यह ग्राहकों को तीन तरह के बचत खाते पेश करता है- रेगुलर, डिजिटल और बेसिक। जानकारी के लिये बता दें कि डिजिटल सेविंग्स एकाउंट्स आईपीपीबी मोबाइल एप के जरिए खोला जा सकता है जबकि रेगुलर और बेसिक पोस्ट ऑफिस या पोस्टमैन के जरिए खुलवाया जा सकता है। इन बचत खातों की सबसे खास बात यह है कि इनमें मिनिमम बैलेंस रखने की अनिवार्यता नहीं है। मसलन, आईपीपीबी सेविंग्स एकाउंट जीरो बैलेंस एकाउंट की पेशकश करता है।

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जानिए क्या है मिनिमम या मैक्सिमम बैलेंस रूल?

चूंकि ये खाते जीरो बैलेंस अकाउंट होते हैं इसलिए इनमें मिनिमम बेसिक रूल्स लागू नहीं होते हैं। हालांकि, ग्राहकों को इनमें मैक्सिमम बैलेंस का ध्यान रखना होता है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के अनुसार खाताधरक इसमें अधिकतम एक लाख रुपये तक रख सकते हैं। इसलिए इसमें जैसे ही एक लाख रुपये की लिमिट पार होती है तो ट्रांजैक्शन अपने आप रिजेक्ट हो जाती है।

इन सब चीजों से बचने के लिए बेहतर यह है कि पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट खोले और उसको अपने आईपीपीबी अकाउंट से लिंक करा लें। इसमें अगर बैलेंस एक लाख रुपये से पार होता है तो अतिरिक्त राशि पोस्ट ऑफिस अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाएगी। इसे रेगुलर सेविंग्स बैंक अकाउंट कहते हैं।

कितना मिलता है आईपीपीबी खाते पर ब्याज?

सभी तरह के आईपीपीबी खातों पर चार फीसद की दर से सालाना ब्याज मिलता है। ब्याज का भुगतान तिमाही आधार पर किया जाता है।

जानिए क्या हैं जमा/ निकासी के नियम?

रेगुलर और डिजिटल सेविंग्स अकाउंट में ग्राहक जितनी बार चाहे पैसे निकाल या जमा करा सकता है। बेसिक सेविंग्स अकाउंट पर चार बार के निकासी की सीमा है। वहीं नकदी निकासी/जमा के लिए अपने नजदीकी पोस्ट ऑफिस जाना होता है जहां पर आईपीपीबी की सेवाएं उपलब्ध हैं। ग्राहक पोस्टमैन या ग्रामीण डाक सेवक (डीजीएस) को घर बुलाकर क्यूआर कार्ड के जरिए दोनों डिजिटल व कैश ट्रांजैक्शन कर सकते हैं। हालांकि, आपके दरवाजे पहुंचाई जा रही बैंकिंग फ्री नहीं होती। इसके लिए ग्राहक को प्रति नकदी में की गई ट्रांजैक्शन के लिए 25 रुपये और डिजिटल के लिए 15 रुपये देने होते हैं।

वहीं, अगर आप आईपीपीबी एप के जरिए भुगतान करते हैं तो आपको किसी तरह के भी चार्जेस नहीं देने होंगे। जानकारी के लिए बता दें कि आईपीपीबी खातों के साथ एटीएम कार्ड नहीं दिया जाता इसलिए एटीएम से कैश नहीं निकाल सकते हैं।

जानिए क्या हैं डिजिटल सेविंग्स अकाउंट के नियम-

अन्य पेमेंट बैंक की तरह, आईपीपीबी ग्राहकों को डिजिटल सेविंग्स खोलने की सुविधा देता है, जिसे आप बिना किसी दिक्कत के घर बैठे खोल सकते हैं। यह केवल 12 महीनों के लिए वैध होता है। इस वर्ष के भीतर ग्राहक को इसे रेगुलर अकाउंट में तब्दील कराना होता है। इसके लिए खाताधारक को पोस्टमैन को अपने बायोमैट्रिक डेटा उपलब्ध कराना होता है। ऐसा न करने की स्थिति में खाता बंद कर दिया जाता है।


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