Car खरीदने के लिए Car Loan ले रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखना मत भूलिए
वाहन एक ऐसा उत्पाद है जो बहुत महंगा होता है और समय के साथ इसके मूल्य में गिरावट आती जाती है। आपके शोरूम से गाड़ी निकालने के साथ ही इसके मूल्य में गिरावट आनी शुरू हो जाता है Freepic
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित हो रहे एशिया के सबसे बड़े मोटर शो Auto Expo 2020 में दुनिया की बड़ी कंपनियों की एक से बढ़कर एक लग्जरी गाड़ियां लॉन्च हो रही हैं। अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी, अभूतपूर्व फीचर्स और लग्जरी सुविधाओं से लैस ये गाड़ियां एक ही नजर में आंखों के रास्ते दिल में उतर आती हैं। शायद ही कोई हो जिसे इन्हें देखकर खरीदने के लिए मन ना ललचाए। इन महंगी गाड़ियों को आप ऑटो लोन लेकर आसानी से खरीद सकते हैं। हालांकि, ऑटो लोन के लिए जाने से पहले गाहक को कुछ बातों का ध्यान जरूर रख लेना चाहिए। आइए जानते हैं कि वे बातें कौन-कौनसी हैं।
1. सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात ऑटो लोन लेते समय यह ध्यान रखें कि कभी भी आपकी EMI उतनी अधिक नहीं हो, जिससे आपकी मासिक वित्तीय स्थिति बिगड़ जाए। आपकी ईएमआई ऐसी हो, जो आपको अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने से ना रोके।
2. अगर आपके पास पहले से लोन है, तो आपके लिए कार लोन की राशि को ठीक से चुनना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। यहां आपको यह ध्यान रखना होगा कि आप कितनी सहजता के साथ समय पर वह लोन चुका सकते हैं।
3. वाहन एक ऐसा उत्पाद है जो बहुत महंगा होता है और समय के साथ इसके मूल्य में गिरावट आती जाती है। आपके शोरूम से गाड़ी निकालने के साथ ही इसके मूल्य में गिरावट आनी शुरू हो जाता है। इसलिए अपने कार लोन का पेमेंट एडवांस में करने की कोशिश करनी चाहिए, ताकि इससे आपकी वित्तीय जरूरतों पर असर नहीं पड़े।
4. वित्तीय स्थिरता बनाए रखने के लिए ग्राहक को अपने कार की कीमत की कम से कम 20 फीसद रकम को डाउन पेमेंट के रूप में दे देना चाहिए। इससे आपका लोन अमाउंट आपकी कार की कीमत के 80 फीसद से ज्यादा नहीं होगा। उदाहरण से देखें, तो अगर आपने दस लाख की कार चुनी है, तो आपको दो लाख से कम डाउन पेमेंट नहीं देने की कोशिश करनी चाहिए। इससे आपका लोन अमाउंट 8 लाख से ज्यादा नहीं होगा। अगर आपकी वित्तीय स्थिति प्रभावित नहीं होती हो, तो आप डाउन पेमेंट के रूप में ज्यादा रकम भी दे सकते हैं।
5. आदर्श स्थिति में आपके कार लोन के रीपेमेंट की अवधि चार साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। यद्यपि भारत में कई कर्जदाता आमतौर पर आठ साल की रीपेमेंट अवधि वाले कार लोन की पेशकश करते हैं। अधिक अवधि से आपकी EMI की राशि जरूर कम हो जाएगी, लेकिन इससे आप पर ब्याज काफी बढ़ जाएगा।
6. आपको कोशिश करनी चाहिए कि आपकी इन हेंड सैलरी का 10 फीसद से ज्यादा आपके कार लोन ईएमआई के लिए नहीं जाए। क्योंकि केवल कार लोन ही ऐसा नहीं है, जहां आपको ईएमआई देनी होगी। हो सकता है कि आपको होम लोन, रेंट, इंश्योरेंस प्रीमियम, क्रेडिट कार्ड रीपेमेंट, इन्वेस्टमेंट, बच्चों की शिक्षा आदि पर भी खर्च करना पड़े।