इस वित्त वर्ष में बैंकों को मिलेगी संजीवनी, घटकर 8 फीसद रह जाएगा NPA: Crisil
वसूली प्रक्रिया में तेजी आने और ताजा Bad loans में कमी के कारण मार्च 2020 तक बैंकों के गैर-निष्पादित ऋण (NPA) में करीब 8 फीसद की कमी आने की संभावना है।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। वसूली प्रक्रिया में तेजी आने और ताजा बैड लोन में कमी के कारण मार्च 2020 तक बैंकों के गैर-निष्पादित ऋण (NPA) में करीब 8 फीसद की कमी आने की संभावना है। न्यूज एजेंसी पीटीआइ ने एक रिपोर्ट के हवाले से यह खबर दी है। बैंकिंग प्रणाली में एनपीए मार्च 2018 में 11.5 फीसद के स्तर तक पहुंच गया था जिसमें अब कमी आई है और यह मार्च 2019 में घटकर 9.3 फीसद रह गया है।
रेटिंग, रिसर्च और सलाहकार सेवा प्रदाता क्रिसिल (Crisil) के मुताबिक मार्च 2020 तक बैंकों की सकल एनपीए (NPA) 350 आधार अंक घट कर 8% रह जाएगी। क्रिसिल ने एक नोट में लिखा, "इस वित्त वर्ष (FY20) में बैंकों की परिसंपत्ति की गुणवत्ता में एक निर्णायक बदलाव हो सकता है, जिससे सकल एनपीए 350 आधार अंकों तक घटकर 8 फीसद हो जाएगा। ऐसा ताजा एनपीए बढ़ने की दर में गिरावट और मौजूदा एनपीए खातों से वसूली में तेजी लाने से होगा।”
रेटिंग, रिसर्च और सलाहकार सेवा प्रदाता क्रिसिल के वरिष्ठ निदेशक कृष्णन सीतारमन के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के दौरान राइट-ऑफ और मुख्य बड़ी दबावग्रस्त संपत्तियों में दिवालिया कानून के तहत वसूली ने एनपीए की कटौती में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है।
क्रिसिल के अनुसार, वास्तव में एनपीए में गिरावट का दौर पिछले वित्त वर्ष से शुरू हुआ था। वित्त वर्ष 2017-18 में 7.4% की तुलना में 2018-19 में ताजा एनपीए बढ़ने की दर घट कर 3.7% रह गयी थी। यह बैंकों द्वारा पहले से ही वित्त वर्ष 2015-16 से 17 लाख करोड़ रुपये के दबावग्रस्त ऋणों की एनपीए के रूप में पहचान करने से संभव हो पाया। साथ ही इस सुधार के पीछे की बड़ी वजह आरबीआई के कड़े मानदंडों और संपत्ति गुणवत्ता की समीक्षा के बाद एनपीए की पहचान करने में तेजी लाना भी है। एनपीए में कमी होना बैंकिंग सेक्टर के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप