क्या है डायरेक्ट और रेगुलर म्युचुअल फंड प्लान, जानिए कौन है बेहतर?
म्युचुअल फंड में निवेश के दो तरीके हैं। एक रेगुलर प्लान (Regular Plans) और दूसरा डायरेक्ट प्लान (Direct Plans)।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क) म्युचुअल फंड में निवेश के दो तरीके होते हैं। एक रेगुलर प्लान (Regular Plans) और दूसरा डायरेक्ट प्लान (Direct Plans)। दरअसल दोनों प्लान एक ही तरह के होते हैं और इन्हें एक ही फंड मैनेजर मैनेज करता है, दोनों फंड के पोर्टफोलियो भी एक ही समान होते हैं। लेकिन इनमें जो एक बड़ा अंतर होता है वह यह है कि रेगुलर प्लान में निवेशक और म्युचुअल फंड कंपनी के बीच में थर्ड पार्टी के रूप में कोई एजेंट या म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर भी मौजूद रहता है।
ऐसे समझिए?
मान लीजिए आप किसी एजेंट या डिस्ट्रीब्यूटर से कोई म्युचुअल फंड खरीदते हैं तो वह रेगुलर प्लान होता है। इसके लिए कंपनी की ओर से डिस्ट्रीब्यूटर या एजेंट को कमीशन मिलता है। यह कमीशन आपके ही पैसे से दिया जाता है। जिस पैसे को आप म्युचुअल फंड में लगाते हैं उसी पैसे में से काटकर एजेंट को दे दिया जाता है। इसके लिए आपको अलग से कोई पैसा नहीं देना होता। एजेंट को पैसा एक बार ही नहीं मिलता है, बल्कि, जबतक आप निवेश करते रहेंगे डिस्ट्रीब्यूटर को कमीशन मिलता रहेगा।
1 जनवरी 2013 में म्युचुअल फंड हाउसों ने डायरेक्ट प्लान लॉन्च करना शुरू किए थे, जिनके बाद रोजाना रेगुलर प्लान से डायरेक्ट में स्विच करने वाले निवेशकों की संख्या में तेजी आई है। डायरेक्ट प्लान में किसी थर्ड पार्टी की कोई भूमिका नहीं होती है इसमें निवेशक सीधे म्युचुअल फंड कंपनी के पास जाकर डायरेक्ट प्लान खरीद सकते हैं। जाहिर है अगर बीच में कोई एजेंट नहीं होगा तो खर्च भी कम आएगा। इसलिए डायरेक्ट प्लान का रिटर्न रेगुलर प्लान के रिटर्न से बेहतर होता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डायरेक्ट और रेगुलर प्लान के रिटर्न में 0.5% से 2% तक का अंतर होता है।
कैसे लें डायरेक्ट प्लान?
इसके लिए आप प्रत्येक फंड हाउस की वेबसाइट पर जा सकते हैं, वहां से अपना डिटेल भरकर फंड खरीद सकते हैं। या आप वहां एक खाता खोलने के बाद जिस प्लान में निवेश करना है उसके म्युचुअल फंड्स यूटिलिटी पर जा सकते हैं। इसके अलावा कई ऐसे पोर्टल हैं जो डायरेक्ट प्लान में निवेश की सुविधा देते हैं। लेकिन इसके लिए वह एक फ्लैट चार्ज वसूलते हैं।
क्या डायरेक्ट प्लान में करना चाहिए निवेश?
अगर आपको म्युचुअल फंड के बारे में जानकारी है तो आप डायरेक्ट प्लान लें, लेकिन अगर आपको म्युचुअल फंड के बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं है तब आपको किसी एजेंट या म्युचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी के पास जाना सही रहेगा।