20 से 29 साल की उम्र तक अपना घर खरीदना है संभव, जानिए कैसे
अगर आपके पास परमानेंट जॉब है और आप 20 से 29 वर्ष की उम्र के बीच घर खरीदते हैं तो 30 से 39 वर्ष की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते आप आसानी से ईएमआई भर सकते हैं
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। नौकरी पाने के बाद आमतौर पर संपत्ति में निवेश करना लोगों का पहल लक्ष्य नहीं होता है। लेकिन, अगर आप उम्र के दूसरे दशक के पड़ाव में (20 से 29 साल के बीच) फिक्स्ड एसेट के बारे में सोचते हैं और उस पर प्लानिंग शुरू कर देते हैं तो यह आपके लिए बेहतर स्थिति है। दरअसल इस उम्र में आपके पास भरपूर समय होता है और ऐसे में आप अधिक समय के लिए होम लोन ले सकते हैं। साथ ही कम ब्याज दरों पर होम लोन लेकर घर खरीदना आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इससे यह होगा कि अगर आपको आगे घर बेचना भी हो तो उसकी अच्छी कीमत मिल सकती है।
20 से 29 साल के बीच क्यों खरीद लेना चाहिए घर?
अगर आपके पास परमानेंट जॉब है और आप 20 से 29 वर्ष की उम्र के बीच घर खरीदते हैं तो 30 से 39 वर्ष की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते आप आसानी से ईएमआई भर सकते हैं। क्योंकि आपके पास पर्याप्त समय होता है। चूंकि बैंक आपको 30 साल के लिए लोन देता है और आप 60 की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। इसका मतलब आपको कम ईएमआई चुकानी होगी। मान लीजिए आपकी वर्तमान आयु 23 है, तो बैंक आपको लोन चुकाने के लिए 30 साल तक का समय देता है। यदि आपकी उम्र 35 वर्ष है, तो बैंक आपको लोन चुकाने के लिए 25 साल का समय देगा। इस तरह आप कम उम्र में होम लोन ले सकते हैं।
एक उदाहरण के जरिए समझिए: घर की ईएमआई देना और किराए पर घर लेकर रहना, इन दोनों में क्या अंतर है?
मान लीजिए कि आप एक किराए के घर में रहते हैं और हर महीना 10,000 रुपए किराया देते हैं, जो सालाना 5 फीसद के हिसाब से बढ़ता है। इस तरह आप 30 वर्षों में 79.72 लाख रुपये कुल किराए में खर्च कर देंगे। यानी आप इतना पैसा किराए के घर में खर्च कर चुके होंगे।
अब अगर आप 20 से 29 वर्ष की उम्र के दौरान ही 30 वर्षों के लिए ईएमआई पर 30 लाख रुपये का घर खरीदते हैं, तो आपको कुल 83.04 लाख रुपये का भुगतान करना होगा। (23,000 रुपये की ईएमआई, 8.5 फीसद हर साल का ब्याज मानते हुए)। फिर 30 साल बाद घर आपका होगा।
बता दें कि फिक्स्ड एसेट्स का बाजार कभी भी स्थिर नहीं होता है, इसलिए अगर आप ज्यादा उम्र में संपत्ति खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको ज्यादा कीमत चुकानी पड़ सकती है। चूंकि बैंक पूरे घर के लिए लोन नहीं देते बल्कि 80 फीसद तक ही लोन देते हैं इसलिए, बाकी बची राशि के भुगतान के लिए आपको पैसे की बचत म्यूचुअल फंड या आवर्ती जमा (आरडी) में निवेश के तौर पर करनी चाहिए।
ऐसे समझिए?
आय के हिसाब से अपने वर्तमान खर्चों और भविष्य के खर्चों के बारे में गणना कर लें। फिर आप बाकी बची राशि में से कितना पैसा वित्तीय उद्देश्यों को पूरा करने के लिए निवेश कर सकते हैं वो तय कर लें। मान लीजिए, आपके अनुमान के मुताबिक, होम लोन लेने पर आप 30,000 रुपये की ईएमआई भर सकते हैं। इसका मतलब है कि यदि आप वर्तमान ब्याज दर पर 30,000 रुपये की ईएमआई का भुगतान करते हैं तो आपको उस घर का मूल्य पता लगाना चाहिए। ऐसे में आप 40 लाख रुपये तक के होम लोन (30 साल के कार्यकाल के लिए 8.5 फीसद हर साल ब्याज) का लाभ उठा सकते हैं। यानि 80 फीसद के एलटीवी पर 50 लाख रुपये का संपत्ति मूल्य। अब आपको बाकी बचे भुगतान के लिए 10 लाख रुपये की जरूरत है। अब, आप अपनी इच्छा के मुताबिक, 50 लाख रुपये से कम मूल्य के घर की तलाश कर सकते हैं।
आम तौर पर बैंक लोन देने के लिए 750+ के क्रेडिट स्कोर की तलाश करते हैं। जब आपकी उम्र 20 साल है तो आपको अपने वित्तीय स्वास्थ्य की देखभाल करना जरूरी है। आप अपने क्रेडिट स्कोर को सही रखने के लिए समय पर और नियमित रूप से अपने बकाया का भुगतान कर दें ताकि आपको क्रेडिट कार्ड या व्यक्तिगत लोन मिलने में आसानी रहे।