मुफ्त नहीं होती कोई भी सेवा, बैंक ग्राहकों को नहीं बताते हैं ये 8 बातें
बैंक आपसे कुछ ऐसे शुल्क भी वसूलते हैं जिनकी जानकारी वो खाताधारकों को अकाउंट खोलने के दौरान नहीं देते हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। बैंक अपने ग्राहकों को तमाम तरह की योजनाओं की पेशकश करते हैं। हालांकि इनमें से कोई भी पेशकश मुफ्त नहीं होती है। बैंक, अकाउंट खुलवाने से लेकर अकाउंट बंद करवाने तक बैंक एक न्यूनतम शुल्क वसूलते हैं। हालांकि बैंक के नियम व शर्तों में इसका बाकायदा उल्लेख होता है, लेकिन खाता खुलवाते समय अक्सर बैंक अपने ग्राहकों को तमाम बातें नहीं बताते हैं। हम अपनी इस खबर में आपको बैंक की ओर से वसूले जाने वाले ऐसे शुल्क के बारे में बताएंगे जिसकी जानकारी बैंक नहीं देते हैं।
अकाउंट बंद करने के लिए बैंक वसूलते हैं शुल्क:
आमतौर पर ग्राहकों को यह बात पता नहीं होती है। अगर आप बैंक का अकाउंट बंद करवाना चाहते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि बैंक इसके लिए भी शुल्क वसूलता है। अगर आपके खाते को तीन महीने भी नहीं हुए है और आप उसे किसी कारण बंद करवाना चाहते हैं तो आपको इसे बंद करवाने की एवज में बैंक को 50 से 200 रुपए तक देने पड़ सकते हैं।
12 बार बैंक जाकर किया ट्रांजैक्शन तो बैंक वसूलेगा चार्ज:
आमतौर पर लोग एटीएम से पैसा निकालने के बजाए बैंक जाकर ऐसा करना मुनासिब समझते हैं। अगर आप भी ऐसा सोचते हैं कि ऐसा कर आप शुल्क बचा रहे हैं तो आपको गलतफहमी है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर, आपने एक तिमाही के दौरान अपनी ब्रांच से 12 से ज्यादा बार लेनदेन किया है, तो आपके अकाउंट से 50 रुपए प्रति ट्रांजैक्शन के हिसाब से रकम काटी जाती है। हालांकि यह चार्ज ज्यादातर प्राइवेट बैंक ही वसूलते हैं।
दूसरी ब्रांच में लेनदेन पड़ता है महंगा:
जिस बैंक में आपका खाता है आपके लिए उसी ब्रांच से पैसा निकालना बेहतर रहता है। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह गलत है। ऐसा इसलिए कि अगर आप अलग किसी और ब्रांच में जाकर लेनदेन करते हैं आपको इसके लिए भी पैसे चुकाने होते हैं। निजी क्षेत्र के बैंक पहली बार ऐसे लेनदेन का चार्ज नहीं लेते हैं, लेकिन इसके बाद हर लेनदेन पर प्रति हजार पांच रुपए चार्ज वसूला जाता है।
मंथली स्टेटमेंट चार्ज:
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि बैंक की तरफ से दी जाने वाली कोई भी सेवा मुफ्त नहीं होती है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि हर महीने आपके घर बैंक स्टेटमेंट भेजा जाए, तो बैंक इसके लिए भी चार्ज वसूलते हैं। अलग-अलग बैंकों के हिसाब से इसकी कीमत अलग-अलग होती है। ज्यादातर बैंकों में यह कीमत 200 रुपए तक है। हालांकि, ईमेल से स्टेटमेंट मंगवाने पर कोई शुल्क नहीं लगता है।
चेक का स्टेट्स जाना तो देना होगा शुल्क:
यह बात आपको सुनने में थोड़ा अजीब सी लग सकती है लेकिन है बिल्कुल सच। अगर आप अपने चेक का स्टेटस जानना चाहते हैं, तो कई प्राइवेट बैंक इसके लिए भी शुल्क वसूलते हैं। इस सर्विस के लिए बैंक 25 रुपए तक वसूलते हैं।
लॉन्ग टाइम कस्टमर प्रिविलेज:
आमतौर पर बैंक भी अपने पुराने और लॉयल कस्टमर को ज्यादा वरीयता देते हैं, लेकिन अधिकांश बैंक इस तरह की जानकारी अपने ग्राहकों को नहीं देते हैं। अगर आप सजग हैं तो इस बारे में आपको खुद बैंक से पूछना होगा। जानकारी के मुताबिक बैंक अक्सर अपने पुराने ग्राहकों को फीस वेवर(बैंक में लगने वाले चार्ज में छूट) दे देते हैं।
अधिक ब्याज दर वाले अकाउंट:
इसकी जानकारी भी बैंक अपने ग्राहकों को नहीं देते हैं। बैंक में कुछ ऐसे अकाउंट होते हैं जिन पर ब्याज अधिक मिलता है। हर बैंक आपको इसकी जानकारी अपनी तरफ से देगा ही यह जरूरी नहीं है। बैंक के किस अकाउंट में कितना फायदा होगा इसका पता आपको खुद ही लगाना होगा।
डेबिट कार्ड खो जाए तो आपका अकाउंट कितना सुरक्षित:
डेबिट कार्ड खोने की सूरत में आपका अकाउंट कितना सुरक्षित है इसकी जानकारी भी कोई बैंक नहीं देता है। जानकारी के मुताबिक एसबीआई एक क्रेडिट कार्ड प्रोटेक्शन प्लान (CPP) देता है, जो इस तरह की परिस्थितियों में आपके लिए मददगार होता है। ऐसे में आपको खुद अपने बैंक से पता करना होगा कि क्या उनके पास भी ऐसी ही कोई स्कीम है?