श्रीलंका के विश्वप्रसिद्ध ऑफब्रेक स्पिनर मुथैय्या मुरलीधरन के नाम क्रिकेट के ढेरों रिकॉर्ड दर्ज हैं। मुरलीधरन ने 19 साल पहले जिम्बांब्वे के खिलाफ ऐसी करिश्माई गेंदबाजी की थी कि उनका नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज हो गया था। 4 जनवरी 2002 को मुरलीधरन की फिरकी में बल्लेबाज ऐसे फंसे कि ढेर हो गए। 5 बल्लेबाज तो 10 से ज्यादा रन भी नहीं बना पाए।
श्रीलंका बनाम जिम्बांब्वे टेस्ट मैच
श्रीलंका के कैंडी में असगिरिया के मैदान पर जिम्बांब्वे टीम मेंजबान से दूसरे टेस्ट मैच में भिड़ने के लिए तैयार थी। 3 मैचों की श्रंखला में श्रीलंकन टीम एक मैच जीत चुकी थी। दूसरा टेस्ट की पहली पारी शुरू होते ही श्रीलंकाई गेंदबाज मुथैय्या मुरलीधरन की करिश्माई गेंदबाजी के आगे जिम्बांब्वे के बल्लेबाज टिक न सके। ये दिन मुरलीधरन के नाम रहा।
मुरलीधरन की फिरकी में फंसे बल्लेबाज
मुरलीधरन ने सबसे पहले सलामी बल्लेबाज हैमिल्टन मसाकजादा को अपना शिकार बनाया। इसके बाद ऐसा सिलसिला चला कि जो 9 विकेट पर जाकर रुका। मुरलीधरन ने पहले से लेकर नवें बल्लेबाज को अपना शिकार बनाया। 10वां बल्लेबाज चमिंडावास का शिकार बना और पूरी टीम 236 रनों पर आलआउट हो गई।
5 बल्लेबाज 10 से ज्यादा रन नहीं बना सके
मुरलीधरन की कहर बरपाती गेंदों के सामने जिम्बांब्वे के 5 बल्लेबाज 10 से ज्यादा व्यक्तिगत स्कोर नहीं बना सके। इनमें से दो एक बल्लेबाज 10 रन, दो बल्लेबाज 8-8 रन, एक बल्लेबाज 1 रन और एक बल्लेबाज शून्य पर आउट होकर पवेलियन लौटा। मुरलीधरन ने इस मैच में जिम्बांब्वे के छक्के छुड़ा दिए।
19 मेडन, एक भी वाइड और नो बॉल नहीं
मुरलीधरन ने पहली पारी में 40 ओवर की 240 बॉल डालीं और इनमें से एक भी न तो वाइड हुई और नहीं नो बॉल दी गई। मुरलीधरन 40 में से 19 ओवर मेडन डाले और मात्र 51 रन देकर 9 विकेट चटकाए। मुरलीधरन की शानदार गेंदबाजी की बदौलत श्रीलंकन टीम दूसरा टेस्ट मैच जीतकर 3 मैचों की सीरीज भी अपने नाम कर ली।…NEXT
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