कोरोना महामारी से दुनिया को बचाने के लिए भारत समेत अलग अलग देशों और फॉर्मा कंपनियों में 100 से ज्यादा कोरोना वैक्सीन ट्रायल्स फेज में हैं। अकेले भारत में 7 वैक्सीन क्लीनिकल फेज में हैं और करीब दो दर्जन प्रीक्लीनिकल स्टेज में हैं। इनमें से कुछ एडवांस फेज में हैं और उम्मीद जताई जा रही है कि उन्हें कभी भी इस्तेमाल की मंजूरी दी जा सकती है। वर्तमान में भारत की दो वैक्सीन का इस्तेमाल हो रहा है। 1 अप्रैल से देश में 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को भी वैक्सीन लगाने की शुरुआत होगी।
3 जनवरी को भारत ने दो वैक्सीन को दी थी मंजूरी
कोरोना को हराने के लिए देश में 3 जनवरी को दो वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दी गई थी। 16 जनवरी से देशव्यापी टीकाकारण अभियान चल रहा है। अब तक अभियान के 3 चरणों में 6.30 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है। इनमें से कई लाख लोगों को दूसरा डोज भी दिया जा चुका है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया बन रहीं 2 दर्जन से ज्यादा वैक्सीन
बीते दिन वैक्सीन का दूसरा डोज लगवाने के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने बताया कि देश में करीब दो दर्जन कोरोना वैक्सीन प्रीक्लीनिकल स्टेज में हैं, जबकि 7 वैक्सीन क्लीनिकल स्टेज में हैं। इनमें से कुछ वैक्सीन एडवांस स्टेज में पहुंच चुकी हैं। इसके बाद से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ अन्य वैक्सीन को भी इस्तेमाल की मंजूरी मिलने की संभावना है।
दुनियाभर में 103 वैक्सीन ट्रायल्स के विभिन्न फेज में
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में 30 मार्च तक 103 कोरोना वैक्सीन ट्रायल्स के अलग अलग फेज में चल रही हैं। इनमें से 47 वैकसीन फेज-1 में, 33 वैक्सीन फेज-2 में और 23 वैक्सीन ट्रायल्स के तीसरे फेज में हैं। इन सभी वैक्सीन का अलग अलग देशों में अलग अलग फार्मा कंपनियों द्वारा परीक्षण किया जा रहा है।
सबसे ज्यादा चीन की वैक्सीन को मिला फुल एप्रूवल
रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में अब तक कुल 13 वैक्सीन को इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी है। 13 में से केवल 7 वैक्सीन को इस्तेमाल के लिए फुल एप्रूवल मिला है, जबकि 6 वैक्सीन को शुरुआती या सीमित इस्तेमाल की मंजूरी मिली है। सबसे ज्यादा चीन की 4 वैक्सीन को फुल यूज का एप्रूवल मिला है।
इन 4 वैक्सीन के ट्रायल्स पर लग चुकी है रोक
ट्रायल्स में गड़बड़ी मिलने और साइड इफेक्ट के बाद 4 वैक्सीन के ट्रायल्स पर रोक भी लगाई जा चुकी है। रोकी गई वैक्सीन में इंपीरियरल कॉलेज लंदन के रिसर्चर्स और दवा निर्माता कंपनी मॉर्निंगसाइड वेंचर्स पर रोक लगाई जा चुकी है। अमेरिकी कंपनी मेर्क, ऑस्ट्यिन कंपनी थेमिस और पास्ट्यूर इंस्टीट्यूट की वैक्सीन पर रोक लग चुकी है। अमेरिकी फॉर्मा मेर्क की एक और वैक्सीन पर रोक लग चुकी है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनीवर्सिटी के शोधकर्ताओं की वैक्सीन पर भी रोक लगाई जा चुकी है।…NEXT
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