कोरोना महामारी देश में लगातार अपने पैर जमा रही है। इस बीच 105 साल की बुजुर्ग दादी ने कोरोना को मात देकर रिकवरी हासिल कर ली है। घर पर ही उनका ट्रीटमेंट किया जा रहा रहा था। कोरोना से रिकवर होने में उन्हें आयुर्वेद विधियां भी कारगर साबित हुईं। अब तक देश भर के करीब दर्जनभर बुजुर्ग कोरोना से जंग जीत चुके हैं।
105 साल की कमलम्मा कोरोना से रिकवर हुईं
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार कोरोना वायरस सबसे घातक हमला बुजुर्गों और बच्चों पर करता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है या कम परिपक्व होता है। इस सबके विपरीत मजबूत इच्छाशक्ति रखने वाले बुजुर्गों ने युवाओं से भी जल्दी कोरोना को हराया है और रिकवर हुए हैं। कर्नाटक के कोप्पल जिले की 105 साल की कमलम्मा लिंगानगौड़ा हीरेगौद्रा ने कोरोना को शिकस्त देकर मिशाल पेश की है।
आयुर्वेदिक फामूर्लों से जल्द रिकवरी का दावा
आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक करीब एक सप्ताह पहले कमलम्मा को बुखार आया। जांच में वह कोरोना पॉजिटिव पाई गईं। उन्हें अस्पताल में इलाज करने के लिए कहा गया तो उन्होंने मना कर दिया। कमलम्मा के पोते डॉक्टर श्रीनिवास ने बताया कि कमलम्मा को घर में ही रखकर ट्रीटमेंट शुरू किया गया। इस बीच उन्हें ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक फामूर्ले और दवाओं का भी इस्तेमाल किया गया। अब उनका कोरोना टेस्ट निगेटिव आया है और वह पूरी तरह रिकवर हो गईं।
110 साल की सिद्धम्मा ने कोरोना को धूल चटाई
कमलम्मा की तरह की तरह ही कर्नाटक के चित्रदुर्गा जिले की रहने वाली सिद्धम्मा ने भी 110 साल की उम्र में कोरोना को शिकस्त देकर नौजवानों के लिए मिसाल बन गईं। 5 बेटे, 17 पोते और 22 परपोतों को देखने वाली 110 साल की सिद्धम्मा 27 जुलाई को कोरोना पॉजिटिव पाई गई थीं। 9 दिन इलाज के बाद वह पूरी तरह रिकवर हो गईं।
110 साल की हमीदाबी 12 दिन में ठीक हुई थीं
तमिलनाडु के तिरुपाथुर जिले के पेरआवारक्कम इलाके में रहने वाली 110 साल की हमीदाबी 1 जुलाई को बुखार आने के बाद कोरोना पॉजिटिव पाई गईं। उन्हें अंबुर के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां 12 दिन इलाज के बाद बुजुर्ग हमीदाबी ने कोरोना को मात दे दी। 110 साल की उम्र में कोरोना से रिकवर होने वाली वह सबसे उम्रदराज महिला बन गईं।
106 साल के मुख्तार 17 दिन बाद ठीक हुए
दिल्ली के नवाबगंज इलाके में रहने वाले 106 साल के बुजुर्ग मुख्तार अहमद कोरोना को मात दे चुके हैं। मुख्तार अपने बेटे अहमद से 14 अप्रैल को संक्रमित हो गए थे। दिल्ली के राजीव गांधी सुपरस्पेशिलिटी हॉस्पिटल में 17 दिन तक उनका इलाज किया गया और वह 1 मई को पूरी तरह ठीक होकर घर लौट गए। हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर एसबी शेरवाल ने 106 साल के बुजुर्ग के ठीक होने को प्रोत्साहित करने वाला रिजल्ट बताया था।
103 साल के परीद 20 दिन में रिकवर हुए
28 जुलाई को 103 साल के परीद की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई और इसके बाद उन्हें कलामसेरी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है। यहां 20 दिन इलाज के बाद वह पूरी तरह कोरोना से रिकवर हो गए। 103 साल की उम्र में कोरोना को हराकर उन्होंने चिकित्सकों को चकित कर दिया।
103 साल के सूखा सिंह ने वायरस को धूल चटाई
महाराष्ट्र के सिद्देश्वर तलाव इलाके में रहने वाले 103 साल के बुजुर्ग सूखा सिंह छाबड़िया को कोरोना संक्रमण के बाद मई माह में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। छाबड़िया का करीब एक महीने तक इलाज किया गया। उनके पूरी तरह रिकवर होने के बाद 29 जून को उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। सूखा सिंह छाबड़िया के 88 वर्षीय छोटे भाई का भी कोरोना से रिकवर हुए।
इन बुजुर्गों ने भी जीती कोरोना से जंग
आंध प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में 91 साल के बुजुर्ग को कोरोना संक्रमित पाए जाने पर 12 जुलाई को एडमिट किया गया था। 8 दिन तक लगातार उपचार के बाद बुजुर्ग को पूरी तरह रिकवर कर लिया गया है। उसे 20 जुलाई को डिस्चार्ज कर दिया गया। इसी तरह मध्यप्रदेश के इंदौर में एक 95 साल की महिला और 91 साल के पुरुष को कोरोना संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दोनों के पूरी तरह ठीक होने के बाद जुलाई में डिस्चार्ज किया गया था।
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