भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा का नाम इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। वायुसेना के विंग कमांडर रहे राकेश शर्मा को भारत समेत कई देशों में हीरो की उपाधि हासिल है। मजबूत इरादों और महत्वाकांक्षी राकेश शर्मा अपने शुरुआती दिनों में खराब इलेक्ट्रिक उपकरण ठीक कर दिया करते थे। राकेश शर्मा के जन्मदिन पर जानते हैं उनके अंतरिक्ष यात्री बनने की प्रेरणादायक दास्तां।
शुरूआत से ही तकनीक के प्रति झुकाव
पंजाब के पटियाला में 13 जनवरी 1949 को जन्मे राकेश शर्मा पढ़ाई में काफी तेज थे। वह किशोरावस्था के दिनों में ही बिना कोई ट्रेनिंग लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को ठीक कर लिया करते थे। तकनीक के प्रति उनका झुकाव ही उन्हें भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री होने के सफर पर ले गया। उन्होंने हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी के निजाम कॉलेज से अपनी पढ़ाई की और 1966 में नेशनल डिफेंस अकेडमी ज्वाइन कर ली। 1970 में उन्हें भारतीय वायु सेना में नौकरी मिल गई।
जंग में पाकिस्तान के छक्के छुड़ाए
1971 पाकिस्तान के खिलाफ हुई जंग में स्क्वाड्रन लीडर राकेश शर्मा ने हिस्सा लिया। इस जंग में राकेश शर्मा ने अपने मिग एयर क्राफ्ट से दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए। युद्ध में उनके कौशल और साहस को सराहा गया और पूरे देश में उनकी चर्चा होने लगी। उस वक्त की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राकेश शर्मा की दिलेरी और अक्लमंदी की तारीफ करते हुए उन्हें देश का सच्चा सिपाही बताया।
7 दिन से ज्यादा समय अंतरिक्ष में बिताया
भारत और सोवियत यूनियन के संयुक्त अंतरिक्ष अभियान कोसमोस के लिए 1982 में भारत से राकेश शर्मा का चुनाव किया गया। राकेश शर्मा को 1984 में अंतरिक्ष मिशन के लिए सोयूज टी 11 से अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ भेजा गया। राकेश शर्मा अंतरिक्ष में पहुंचने वाले भारत के पहले शख्स बन गए। राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में करीब 7 दिन 21 घंटे और 40 मिनट बिताए।
अंतरिक्ष से जवाब देकर बन गए हीरो
राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में उत्तरी भारत के हिस्से की तस्वीरें लीं और बिना गुरुत्वाकर्षण के रहने की ट्रेनिंग भी हालिस की। राकेश शर्मा जब अंतरिक्ष में पहुंच चुके थे तब भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का उनसे संपर्क कराया गया। इंदिरा गांधी ने पूछा कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है। इसके जवाब में राकेश शर्मा ने कहा कि मैं बिना किसी झिझक के कह सकता हूं कि सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा। राकेश के इस जवाब की वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर मौजूद हैा इस जवाब के बाद राकेश शर्मा ने लोगों के दिलों में खास जगह बना ली।
सोवियत यूनियन ने हीरो घोषित किया
राकेश शर्मा अंतरिक्ष मिशन को पूरा कर वापस लौटे तो उन्हें भारत सरकार ने अशोक चक्र से सम्मानित किया। सोवियत यूनियन ने उन्हें हीरो ऑफ द सोवियत यूनियन के तमगे से सम्मानित किया। इसके अलावा भी राकेश शर्मा को कई अन्य पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। राकेश शर्मा विंग कमांडर के पद पर रहते हुए वायुसेना से रिटायर हुए और एयरक्रॉफ्ट बनाने वाली नवरत्न कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के चीफ नियुक्त किए गए।…NEXT
PM Indira Gandhi: How do you see India from above (space)?
Squadron Leader Rakesh Sharma: Yes, I can say without any hesitation – "Saare Jahan Se Achaa"
Our warm wishes to India's first astronaut #RakeshSharma ji on his birthday. We wish him a long & healthy life. pic.twitter.com/u2A6oGY8Ah
— Samruddha Bharat Foundation (@SBFIndia) January 13, 2021
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