प्रकृति का मित्र कहे जाने वाले पक्षी गिद्ध का जीवन संकट में है। दुनियाभर में पाई जाने वाली 16 प्रजातियां अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रही हैं। इस पक्षी को बचाने के लिए बांग्लादेश ने 10 साल बाद दूसरी दर्दनिवारक दवा पर प्रतिबंध लगा दिया है। गिद्ध के लिए विषाक्त सभी दवाओं पर प्रतिबंध लगाने वाला बांग्लादेश पहला देश बन गया है।
16 में 11 प्रजातियां गंभीर खतरे में
दुनियाभर में गिद्ध की करीब 16 प्रजातियां पाई जाती हैं। बर्डलाइफ ओआरजी की रिपोर्ट के अनुसार 16 प्रजातियों में से 11 प्रजातियां विलुप्तप्राय पक्षियों की सूची में शामिल हैं। 8 प्रजातियां गंभीर रूप से खतरे में हैं, जबकि 3 प्रजातियों के जीवन पर भी संकट छाया है। कई देशों में गिद्ध लगभग पूरी तरह ही विलुप्त हो चुके हैं।
10 साल पहले बैन हुई थी डाइक्लोफेनाक
यूरोप, एशिया और अफ्रीका महाद्वीप में सबसे ज्यादा संख्या में पाए जाने वाले गिद्धों की संख्या पिछले कुछ दशकों में तेजी से घटी है। वैज्ञानिकों ने इनकी मौतों और घटती संख्या की वजह पशुओं में इस्तेमाल होने वाली दर्दनिवारक दवा डाइक्लोफेनाक को माना था। 10 वर्ष पहले पक्षी विशेषज्ञों ने अपने शोध में पाया था कि इस दवा के इस्तेमाल वाले पशुओं का मांस गिद्धों के लिए जानलेवा है।
कीटोप्रोफेन भी खतरनाक मानी गई
डाइक्लोफेनाक दवा के इस्तेमाल वाले पशुओं का मांस खाने से गिद्धो की किडनी फेल हो रही थी। इस खतरनाक दवा को 10 साल पहले विश्वस्तर पर प्रतिबंधित कर दिया गया था। कुछ वर्ष पहले शोध में विशेषज्ञों ने पाया कि दूसरी दर्दनिवारक दवा कीटोप्रोफेन भी गिद्ध पक्षियों के लिए नुकसानदायक है। आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार कीटोप्रोफेन दवा को बांग्लादेश ने प्रतिबंधित कर दिया है।
दोनों दवाओं पर बैन लगाने वाला बांग्लादेश पहला देश
बांग्लादेश गिद्धों को बचाने के लिए 10 साल पहले डाइक्लोफेनाक दवा को प्रतिबंधित कर चुका है और अब कीटोप्रोफेन पर भी बैन लगा दिया है। गिद्धों के लिए खतरनाक दोनों दवाओं पर प्रतिबंध लगाने वाला बांग्लादेश दुनिया का पहला देश बन गया है। बांग्लादेश के ऐसा करने से बाकी देश भी कीटोप्रोफेन पर प्रतिबंध लगा सकते हैं। बांग्लादेश के इस कदम को गिद्धों को संरक्षित करने की दिशा में बड़ा कदम मान जा रहा है।
With #Bangladesh banning painkiller ketoprofen used widely to treat the cattle, it became the first country to ban any of the drugs now known to be toxic to #vultures since the previous veterinary diclofenac ban more than 10 years ago. pic.twitter.com/eT5XcDz5dB
— IANS Tweets (@ians_india) February 23, 2021
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