श्रीलंका इस वक्त एक गंभीर आर्थिक संकट (Sri Lanka Economic crisis) से गुजर रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे (Mahinda Rajapaksa) ने भी अपने पद से इस्तीफा सौंप दे दिया। वैश्विक चाय बाजार में श्रीलंका एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में अहम भूमिका निभाता आया है, लेकिन देश में आर्थिक और राजनीतिक संकट के चलते वे चाय का आयात और निर्यात करने में सक्षम नहीं है। ऐसे में विश्व स्तर पर चाय बाजार (Tea market) में श्रीलंका की कमी को पूरा करने के लिए भारत के लिए कई नए अवसर पैदा हो रहे हैं। भारत इस मौके को अवसर के रूप में देखते हुए चाय के निर्यात (world tea exporters) में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
क्या बोले भारतीय चाय व्यापारियों-
उत्तर बंगाल के चाय व्यापारियों ने कहा कि श्रीलंका मौजूदा स्थिति के कारण विश्व में अपनी चाय का निर्यात नहीं कर पा रहा है। ऐसे में भारतीय चाय बाजार (Indian tea market) को नए अवसर मिलने के साथ-साथ बड़ा मुनाफा भी हो सकता है। सिलीगुड़ी चाय नीलामी समिति के अध्यक्ष और व्यापारी कमल कुमार तिवारी ने बताया कि मौजूदा संकट के बीच खरीदार श्रीलंका से चाय नहीं खरीद पा रहे हैं, जिसके चलते वे सभी व्यापारी या देश भारत पर निर्भर रहेंगे। उन्होंने कहा कि अगर आगे भी श्रीलंका में इस तरह की स्थिति बनी रही तो इससे भारतीय चाय बाजार (boost Indian tea market) में काफी तेजी आने की उम्मीद है।
भारत पर निर्भर होंगे चाय खरीदार-
कमल तिवारी ने कहा कि विश्व में अच्छी क्वालिटी वाली चाय (global tea market) की तलाश कर रहे लोगों को भारत का रुख करना चाहिए। भारत में काफी अच्छी चाय का उत्पादन किया जाता है। सिलीगुड़ी के एक अन्य चाय बागान मालिक ने कहा कि अगर विश्व स्तर पर भारतीय चाय बाजार का विस्तार होता है तो यह कर्ज में डूबे बीमार महंगाई कारोबारियों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। उन्होंने बताया कि श्रीलंका चाय का एक प्रमुख और पुराना उत्पादक (World tea producers) है। वे लगभग 30 लाख किलोग्राम चाय का उत्पादन करता है और इसके उत्पादन का अधिकतर हिस्सा यूरोपीय और अमेरिकी देशों को निर्यात किया जाता है।
चाय बाजार में आ सकती है तेजी-
अब आर्थिक संकट (Sri Lankan crisis) के चलते खरीददार श्रीलंका से चाय लेने से कतराएंगे और चाय की खरीद के लिए ग्राहक भारत पर निर्भर करेंगे। इसके लिए खरीदारों को भारत का रुख करना होगा और यह बदलाव भारतीय पारंपरिक चाय बाजार के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। वर्तमान में श्रीलंका बड़ी मात्रा में भोजन और बिजली की कमी से जूझ रहा है। कोरोना के कारण देश का पर्यटन कारोबार (Sri Lanka tourism business) पूरी तरह से ठप हो गया और विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी आ गई। देश ईंधन और गैस की भारी कमी हो गई है, जिसके चलते लोगों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं।
श्रीलंका में हालात बेकाबू-
इस बीच देश में हालात दिन व दिन बदतर होते जा रहे हैं। लोग बुनियादी सुविधाएं और दो वक्त का खाना पाने के लिए सरकार के खिलाफ विरोध (Sri Lanka protests) कर रहे हैं। ऐसे में सरकार विरोधी और सरकार समर्थक दलों में हिंसा के कई मामले सामने आ रहे हैं। देश में इमरजेंसी घोषित की गई है और प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर कर सरकारी संपत्ति को नुकसान कर रहे है। देश में पैदा हालातों के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। अब ऐसे में राष्ट्रपति ने कुछ दिनों के बाद नए प्रधानमंत्री की घोषणा करने का ऐलान भी किया है।
Siliguri, WB | Amid #SriLankaEconomicCrisis, their tea industry, one of their major businesses, got affected. Their export earlier hampered Indian market… but current crisis proved to be beneficial for our business: Kamal Kishore Tewari, Chairman, Siliguri Tea Auction Committee pic.twitter.com/8dUZTX5Nai
— ANI (@ANI) May 19, 2022
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