ashu0410
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हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहाँ हमें बचपन से ही यही सिखाया जाता है कि बुजुर्गो का हमेशा आदर करो वो हमारी नींव हैं। बुजुर्गो के प्रति यह सम्मान शायद ही और किसी देश में प्रतीत हो। हमारे देश में कोई शुभ कार्य करने से पहले हम बुजुर्गो का आशीर्वाद लेना नहीं भूलते, लेकिन धीरे धीरे यह सम्मान पश्चिमी सभ्यता की नक़ल करने में धूमिल होता जा रहा है हमारे बुजुर्ग अकेला महसूस करने लगे है और दिन प्रतिदिन वृधास्रामो की संख्या बढती जा रही है।
हमें स्वयं से सवाल करना होगा की जब हमारे बुजुर्ग माँ बाप हमारे जीवन की शुरुआत में अंगुली पकड़ सकते हैं तो हम उनके जीवन के आखिरी समय में उनके कमजोर हाथ को क्यों नहीं थाम सकते ? हमें सदैव इस बात का ध्यान रखना चाहिए की दुनियां में केवल आपके माँ बाप ही आखिरी सांस तक हर परिस्थिति में आपके साथ खड़े मिलेंगे
डिस्क्लेमर: उपरोक्त विचारों के लिए लेखक स्वयं उत्तरदायी हैं। जागरण डॉट कॉम किसी भी दावे, तथ्य या आंकड़े की पुष्टि नहीं करता है।
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