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सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार के कारण ठिकेदार कर देता गुणवत्ता को दरकिनार

नरकटियागंज। सरकार अर्थव्यवस्था की रीढ़ सड़कों के निर्माण में कोई कोर कसर नहीं छोड़

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 12:17 AM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 12:17 AM (IST)
सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार के कारण ठिकेदार कर देता गुणवत्ता को दरकिनार
सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार के कारण ठिकेदार कर देता गुणवत्ता को दरकिनार

नरकटियागंज। सरकार अर्थव्यवस्था की रीढ़ सड़कों के निर्माण में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही। गांव, टोला मुख्य सड़कों से जुड़ें और लोगों को इस सुविधा के साथ उनके विकास में मदद मिल सके, इसके लिए पंचायत स्तर से लेकर विधान सभा क्षेत्र स्तर के प्रतिनिधियों द्वारा सड़कों का निर्माण कराया जाता रहा है। यदि कोई सड़क टूट जाए तो दोबारा बनने में सालों लग जाते हैं। स्वीकृति के उपरांत टेंडर पास होने में भी कई माह लग जाते हैं। एक तो काफी इंतजार के बाद सड़क बननी शुरू होती है, ऊपर से बनते ही खुदने लगती है। लोगों की मानें तो सड़क निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार का 'खेल' हो रहा है। लेकिन अफसोस कि संज्ञान लेने वाला कोई नहीं, न शासन, न ही प्रशासन। यही कारण है कि गांवों में भी बनने वाली सड़कें गुणवत्ता के अभाव में पांच से सात वर्षों में जर्जर हो रही है, जबकि उनमें कई सड़कों पर हमेशा भारी वाहन भी नहीं चलते हैं। प्रखंड के कुंडिलपुर पंचायत अंतर्गत बरगजवा गांव में पिछले सात वर्षों के अंदर पीसीसी सड़कों का निर्माण कराया। लेकिन उन तीनों सड़कों में दो सड़कें दरक गई हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब जब ठेकेदारी व्यवस्था और ऊपर से कमीशन खोरी जारी रहेगी, सड़कों का यही हश्र होगा। जब कहीं गांव के लोग बेहतर कार्य कराने के लिए खड़ा हो जाते हैं तो ठेकेदार उन लोगों के विरुद्ध ही कुचक्र रचना शुरू कर देते है। और लोग केस मुकदमा की डर से शांत हो जाते हैं। फिर ठेकेदारों की मनमानी शुरू हो जाती है। इनके द्वारा जैसे तैसे घटिया निर्माण कर सरकार की राशि उठा ली जाती है। यदि ऐसा नहीं होता तो इतने कम समय में सड़कों की दुर्गति नहीं होती। यहीं स्थिति बरगजवा गांव के वार्ड संख्या 3 और 4 में बन गई है। लोगों का तो यही कहना है कि इनमें एक सड़क का निर्माण गांव के ही ठेकेदार ने कराया। लेकिन निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के लिए अपने गांव का भी ख्याल नहीं रखा गया। बताया जा रहा है कि यहां तीनों सड़कों को मिलाकर करीब दो सौ फीट पीसीसी का निर्माण किया गया। ये गांव के विभिन्न घरों को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए बनी, जो धीरे-धीरे दरकने और उखड़ने लगी है। उल्लेखनीय है कि पीसीसी सड़कों के मामले में मरम्मती भी कारगर नहीं होती। ऐसे में लोगों को सड़क टूटने के बाद लंबे समय तक इंतजार करना पड़ता है।

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बोले ग्रामीण बंद हो सड़क निर्माण में लूट खसोट

ग्रामीण हृदया महतो, विजय सर्राफ, बिट्टू पटेल, रामधनी महतो का कहना है कि सड़क निर्माण के समय ही लग गया था कि यह अधिक दिनों तक कारगर नहीं हो सकेगा। सड़क निर्माण में गड़बड़ी कर अधिक बचाने के प्रयास में लोग लग जाते हैं। लोगों ने बताया कि क्षेत्र में कई ऐसी सड़के हैं जो दस वर्षों के बाद भी अच्छी है। लेकिन धीरे-धीरे भ्रष्टाचार के जड़ जमाने में से कुछ वर्षों में सड़कों की यही स्थिति बन जा रही है, जबकि सरकार के लाखों रुपये इस पर खर्च किए गए हैं। लोगों का तो यह भी कहना है कि योजनाओं में बंदरबांट की वजह समय से पहले आम लोगों की ऐसी सुविधाएं खत्म हो जा रही हैं। सड़क निर्माण समेत जनहित की सभी योजनाओं में लूट खसोट बंद होनी चाहिए।


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