गर्व है हमें कि हम ¨हदी भाषी हैं ..
¨हदी जैसी प्यारी भाषा दुनिया में कोई नहीं है।
बगहा। ¨हदी जैसी प्यारी भाषा दुनिया में कोई नहीं है। हमें इस बात का गर्व है कि हम ¨हदी भाषी हैं। ¨हदी बोलना, पढ़ना और लिखना जितना आसान है, दुनिया की कोई अन्य भाषा नहीं। शुक्रवार को आदर्श मध्य विद्यालय पठखौली में आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए उपरोक्त बातें प्रधान शिक्षक सह डीडीओ यदुवंशी प्रसाद ने कही। ¨हदी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित उक्त गोष्ठी की अध्यक्षता श्री प्रसाद और संचालन विद्यालय के शिक्षक उमेशचंद ¨सह ने की। अपने संबोधन में वरिष्ठ शिक्षक कमलनाथ राय ने कहा कि भोजपुरी, मैथिली समेत अन्य क्षेत्रीय भाषाओं की जननी ¨हदी ही है। ¨हदी क्षेत्रीय भाषाओं की पोषक है। देश के कोने-कोने में यदि कोई भाषा बोली और समझी जाती है तो वह ¨हदी है। हालांकि राजनीतिक स्तर पर इस भाषा के साथ हमेशा भेदभाव हुआ। शिक्षक उमेश चंद ¨सह ने कहा कि देश की आजादी के बाद से अबतक ¨हदी ने ही राष्ट्र को एक सूत्र में पिरोकर रखा। राजभाषा का दर्जा मिलने के बाद से ¨हदी का क्रमागत विकास हुआ। हालांकि वर्तमान परिवेश में ¨हदी भाषी अंग्रेजी को अधिक महत्व देते हैं। इसका एक बड़ा कारण यह है कि ¨हदी को हम अपना मानते हैं। उक्त विचार गोष्ठी को विद्यालय के कई अन्य शिक्षकों ने भी संबोधित किया। बच्चों ने भी ¨हदी की वर्तमान दशा विषय पर अपने विचार रखे। गोष्ठी के अंत में कुछ बच्चों को सम्मानित किया गया।
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¨हदी है हमारी पहचान, करेंगे इसका सम्मान
बगहा, संस. : मध्य विद्यालय गोइती में प्रधान शिक्षक कैयूम अंसारी की अध्यक्षता में आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए सहायक शिक्षक रमेशचंद ¨सह ने कहा कि ¨हदी एक ऐसी भाषा है जो विदेशों में भी बोली जाती है। इसकी लोकप्रियता प्रतिदिन बढ़ रही है। शिक्षक सुभाषचंद साजल और पूनम कुमारी ने कहा कि आज के परिवेश में भी ¨हदी भाषा बेहद प्रासंगिक है। यह महज एक भाषा नहीं बल्कि देश की आत्मा है। बाल संसद के प्रधानमंत्री नीरज कुमार ने कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि हमें अपनी अभिव्यक्ति को व्यक्त करने के लिए ¨हदी जैसी आसान और सरल भाषा का उपयोग करने का मौका मिला। यह भाषा जितनी सरल है उतनी मीठी भी। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रधान शिक्षक श्री अंसारी ने कहा कि ¨हदी से हमारी पहचान है, हमसे ¨हदी की पहचान नहीं है। ऐसे में इस भाषा का सम्मान करने का दायित्व बनता है। देश की अन्य सभी भाषाओं की जननी ¨हदी ही है। विचार गोष्ठी को प्रताप यादव, विनय कुमार, योगेंद्र शर्मा आदि ने भी संबोधित किया।