हम भी हैं सम्मान के हकदार, मजदूर नहीं हम दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी
बगहा । दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल के दौरान वन विभाग के आला अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार की पहल नहीं किए जाने के बाद अब वीटीआर के पांच रेंजों क्रमश वाल्मीकिनगर हरनाटांड़ मदनपुर गोनौली व चिउटाहां के टीटी पीपी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
बगहा । दो दिवसीय सांकेतिक हड़ताल के दौरान वन विभाग के आला अधिकारियों द्वारा किसी प्रकार की पहल नहीं किए जाने के बाद अब वीटीआर के पांच रेंजों क्रमश: वाल्मीकिनगर, हरनाटांड़, मदनपुर, गोनौली व चिउटाहां के टीटी पीपी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। वन क्षेत्र की संपत्ति व बाघों की सुरक्षा में अपना सर्वस्व न्योछावर कर लगातार ड्यूटी करने वाले टीटी पीपी पर जब उनके काम को लेकर सवाल उठाया जाने लगा है और उन्हें बेवजह कार्यमुक्त किया गया। तो उन्होंने भी वन विभाग के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हरनाटांड़ वन कार्यालय के समीप धरना पर बैठे हड़ताल में शामिल वनकर्मी अर्जुन महतो, हंसराज पटवारी, रामप्रसाद मरदनिया, सुनील कुमार, गुड्डू यादव, धर्मदेव महतो, मनीष राम व राजू यादव सहित दर्जन भर वनकर्मियों का कहना है कि वन विभाग के अधिकारी हमलोगों को केवल मजदूर ही समझते हैं। उनका कहना है कि ऑफिस में कंप्यूटर चलाता है वो मजदूर है, वायरलेस चलाने वाला, नाका पर ड्यूटी देने वाला, दिन रात फील्ड में रहकर बाघ की सुरक्षा करने वाला, अवैध पातन पर अंकुश लगाने वाला, जीपीएस चलाने वाला मजदूर है। जब यहां सभी मजदूर ही हैं तो उन्हें समय पर मजदूरी क्यों नहीं दी जाती। उन्हें निर्धारित समय के अनुसार ड्यूटी क्यों नहीं ली जाती। वनकर्मियों का कहना है कि हम भी सम्मान के हकदार हैं। हमलोग संविदा पर जरूर कार्यरत हैं, लेकिन दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी हैं। न कि 24 घंटे काम लिए जाने वाले बंधुआ मजदूर। उनका कहना है कि वन विभाग के अधिकारियों द्वारा हमारा मनोबल गिराकर हमें मजदूर बनाया जा रहा है। लेकिन मजदूरी समय पर नहीं दी जा रही। साथ ही बेवजह बिना किसी स्पष्ट कारण के ही हमारे साथियों को कार्यमुक्त कर दिया जाता है। अगर शीघ्र ही इन सभी समस्याओं का समाधान नहीं कोय गया तो ये हड़ताल हमलोग अनिश्चितकाल तक जारी रखेंगे और बड़े आंदोलन को बाध्य होंगे।