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तो फिर डूबेगा शहर: जल निकासी नहीं होने से कई मोहल्ले हल्की बारिश में ही डूब जाएगा

पश्चिमी चंपारण। 15 जून से मानसून के आगमन के साथ बारिश का मौसम आरंभ होता है। पर प्रत्येक साल की तरह इस साल भी नगर के कई सड़कों व मोहल्लों को जलजमाव की समस्या से निजात नहीं मिल सकेगा।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 May 2020 09:01 PM (IST)Updated: Thu, 28 May 2020 09:01 PM (IST)
तो फिर डूबेगा शहर: जल निकासी  नहीं होने से कई  मोहल्ले हल्की बारिश में ही डूब जाएगा
तो फिर डूबेगा शहर: जल निकासी नहीं होने से कई मोहल्ले हल्की बारिश में ही डूब जाएगा

पश्चिमी चंपारण। 15 जून से मानसून के आगमन के साथ बारिश का मौसम आरंभ होता है। पर, प्रत्येक साल की तरह इस साल भी नगर के कई सड़कों व मोहल्लों को जलजमाव की समस्या से निजात नहीं मिल सकेगा। नगर के सभी 23 वार्डों में ऐसा कोई भी वार्ड नहीं है। जिसमें सड़क की समस्या, नाला की समस्या नहीं हो। जिसके कारण हल्की बारिश में ही सड़कों पर जलजमाव की स्थिति बन जाती है। यह अलग बात है कि नगर पंचायत प्रबंधन बराबर बरसात से पहले अपने तैयारियों को लेकर दावा करता है। पर बरसात आते ही इन दावों की पोल खुल जाती है।

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ये मोहल्ले एवं सड़क प्रभावित

नगर के गोला बाजार मुख्य सड़क, दलित टोला, नरैनापुर, नरैनापुर नई बस्ती, पुरानी बाजार, मुड़िला के साथ ही वार्ड दो नगर शिव मंदिर के पास, नगर पंचायत कार्यालय के सामने के अलावा रतनपुरवा मोहल्ला, धांगड़ टोली एवं ठाकुरबारी टोला है। जो इस मामले में कई सालों से नासूर बने हुए है। इनमें से कुछ स्थलों पर तो एक बार के बारिश का पानी महीनों तक जमा रहता है।

नगर में कई ऐसी जगह हैं। जहां नाला, सड़कों के टूट फूट के कारण ऊंचा हो गया है। जिसके कारण नाला भरने पर इसका पानी सड़कों पर जमा हो जाता है। जिससे थोड़ी बारिश के बाद ही सड़क नाला सब एक समान हो जाते है। कुछ समस्या इसके समय से उड़ाही नहीं होने के कारण उत्पन्न होती है। नाला में प्लास्टिक एवं अन्य कचरा के कारण पानी का बहाव नहीं हो पाता है। जिस वजह से बरसात का पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर आ जाता है। कच्चा रास्ता व अधूरा निर्माण भी है जलजमाव का कारण

भले ही रामनगर को नगर पंचायत का दर्जा मिल चुका है। पर, इसके कई हिस्से आज भी गांव की तरह दिखाई देते है। जहां विकास की बयार चली ही नहीं है। कच्ची सड़क, अधूरा नाला ऐसे मोहल्ले में भरे पड़े है। जो इस जलजमाव की मुख्य वजह बनते हैं।

बयान :

बरसात को देखते हुए नाला उड़ाही का कार्य रोस्टर के अनुसार आरंभ करा दिया गया है। ऐसे सड़कों एवं नाला को सूची बद्ध किया गया है। जिससे जलजमाव की समस्या होती है। टेंडर के माध्यम से इनको ठीक कराया जा रहा है। कुछ जगहों पर अस्थायी कार्य के रूप में मिट्टी भराई, ईट एवं राबिश से इस समस्या को निपटाने की योजना है।

जितेन्द्र सिन्हा, ईओ

कहते है नगरवासी (फोटो)

नगर में यह समस्या कई क्षेत्रों में है। बारिश के बाद कई जगह ऐसे कीचड़ पानी वाले रास्ते से रूबरू होना पड़ता है। इस समस्या का निदान निकालना जरूरी है।

मुरारी कुमार, नगरवासी

बरसात नजदीक है कई मोहल्ले के सड़क व नाला डूबेंगे। पर, नगर पंचायत के तरफ से ऐसी कोई तैयारी इससे बचाव के लिए नहीं दिख रही है। इसके लिए ठोस पहल करने की आवश्यकता है। दीपक सोनी, नगर निवासी युवक

नालों की उड़ाही समय से कराने से बहुत हद तक समस्या से बचा जा सकता है। पर, जलजमाव की समस्या को जड़ से हटाने के लिए नाला का निर्माण एवं सड़क का निर्माण जरूरी है।

शैलेश ठाकुर, नगर निवासी

सबसे अधिक दिक्कत शिव मंदिर एवं गोलाबाजार के पास है। इन स्थलों पर सड़क एवं नाला की मरम्मत की आवश्यकता है। इसके लिए नगर पंचायत को ठोस कदम उठानी होगी।

पन्नालाल सोनी, नगर निवासी


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