जैव विविधता के मामले में मॉडल बना वीटीआर
जैव विविधता के मामले में अवार्ड मिलने के बाद वीटीआर अब चर्चा में है। वीटीआर को इस क्षेत्र में जिन बातों के लिए नवाजा गया है उसके तहत इस क्षेत्र में पाए जाने वाले विभिन्न तरह के जीव जंतु एवं पेड़ पौधे हैं।
बेतिया । जैव विविधता के मामले में अवार्ड मिलने के बाद वीटीआर अब चर्चा में है। वीटीआर को इस क्षेत्र में जिन बातों के लिए नवाजा गया है, उसके तहत इस क्षेत्र में पाए जाने वाले विभिन्न तरह के जीव जंतु एवं पेड़ पौधे हैं। इस श्रेणी में वेसी कई प्रजातियां हैं, जिनकी मौजूदगी ही विशेष महत्व रखता है। जानकारों के मुताबिक पर्यावरण की बेहतरी एवं जीव जगत की रक्षा के लिए किसी क्षेत्र में जैव विविधता का होना अहम मुद्दा है। जैव विविधता से परिस्थितिक संतुलन को बनाए रखना आसान होता है। इसमें कई ऐसे संरक्षण केन्द्र हैं, जहां 60 फीसद पौधों, पक्षियों, स्तनधारियों एवं उभयचर प्रजातियों का सरक्षण किया जाता है। ऐसे में वीटीआर में विभिन्न तरह के प्रजातियों का संरक्षण एक महत्वपूर्ण बात रख रही है।
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वीटीआर में स्तनधारी की प्रजातियां हैं 55 तो पेड़ की हैं 86
वाल्मीकि टाइगर रिजर्व जैव विविधिता के मामले हाल के दिनों में इसलिए जाना जा रहा है, क्योंकि यहां विभिन्न तरह की वन जीवों, पेड़ पौधों, पक्षी का पाया जाना है। वीटीआर से उपलब्ध आंकड़ों पर जरा करें, तो यह बात काफी स्पष्ट हो जाएगी। वीटीआर के क्षेत्र निदेशक के मुताबिक वीटीआर में कई तरह की प्रजातियां हैं। जिनकी सतर्कता के साथ देखभाल की जा रही है।
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प्रजातियों की संख्या
प्रजाति संख्या
स्तनधारी --------55
रेप्टाइल -------26
उभयचर -----------13
पक्षी ---------------300 से ज्यादा
घास ----------------144 से ज्यादा
पेड़ ----------------86
झाड़ी -------------------56 खास बातें:- ---कई दुर्लभ प्रजातियों का बन गया है अधिवास स्थल
---घास से लेकर पेड़ पौधों की है बड़ी संख्या में विभिन्न प्रजातियां