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बदलते मौसम में वायरल फीवर ने बढ़ाई परेशानी, अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या

बगहा । मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। एक-दो दिन पहले तक जहां तेज गर्मी पड़ रही थी वहीं अचानक बारिश होने की वजह से मौसम ठंडा हो गया है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 31 Jul 2021 11:03 PM (IST)Updated: Sat, 31 Jul 2021 11:03 PM (IST)
बदलते मौसम में वायरल फीवर ने बढ़ाई परेशानी, अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या
बदलते मौसम में वायरल फीवर ने बढ़ाई परेशानी, अस्पतालों में बढ़ी मरीजों की संख्या

बगहा । मौसम में तेजी से बदलाव हो रहा है। एक-दो दिन पहले तक जहां तेज गर्मी पड़ रही थी वहीं, अचानक बारिश होने की वजह से मौसम ठंडा हो गया है। क्षेत्र के जिन हिस्सों में बारिश नहीं भी हुई है वहां भी मौसम ने अचानक करवट ली है। शनिवार को तेज हवा चलने की वजह से मौसम में बदलाव आया। मौसम में नमी होने की वजह से सुबह और रात के वक्त ठंड महसूस होने लगी है। इस तरह के बदलते मौसम में सबसे ज्यादा वायरल बुखार परेशान करता है। जरा सी लापरवाही आपको बीमार बना सकती है। हरनाटांड़ पीएचसी सहित यहां के विभिन्न निजी अस्पतालों में प्रतिदिन वायरल फीवर के मामले बढ़ रहे हैं। शरीर में दर्द, तेज बुखार, खांसी-जुकाम के लक्षण आमतौर पर देखने को मिल रहे हैं। चिकित्सकों के अनुसार इसके दो बड़े कारण हैं। पहला मौसम में बदलाव यानी तापमान का घटना-बढ़ना है। यह मौसम मच्छरों, बैक्टीरिया और वायरस के बढ़ने और फैलने के लिए मुफीद माना जाता है। दूसरा, बारिश में कुदरती तौर पर शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता यानी इम्युनिटी कम हो जाना। इम्युनिटी का स्तर कम होने के कारण ये आसानी से शरीर को संक्रमित करते हैं। नतीजा तेज बुखार के रूप में सामने आता है। बच्चे चपेट में आएं तो तुरंत करें डॉक्टर से संपर्क इन दिनों वायरल बुखार चरम पर है। छोटे बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्गों तक को भी बुखार की समस्या आ रही है। किसी को एक सप्ताह तक अगर बुखार रहता है तो चिकित्सक उसे कोविड-19 का टेस्ट कराने की सलाह देते हैं। हरनाटांड़ के नवजात शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. पी. कुमार बताते हैं कि वैसे तो वायरल फीवर किसी को भी हो सकता है। लेकिन छोटे बच्चों की इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। इसलिए उन्हें वायरल फीवर सबसे पहले अपनी चपेट में लेता है। ऐसे में अगर आपके बच्चे को हाई फीवर है, आंखों में जलन महसूस हो रही है, सिरदर्द, बदन दर्द और उल्टी भी हो रही है। तो समझ लीजिए कि आपका बच्चा वायरल फीवर की चपेट में आ गया है। ऐसे में आप सेल्फ मेडिकेशन करने की बजाए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और जरूरी दवाएं दिलाएं।

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--------------------- वायरल फीवर से बच्चे को ऐसे बचाएं : - अगर बच्चा वायरल से पीड़ित है तो जहां तक संभव हो बच्चे को खूब आराम करने दें।

- पानी और फ्लूइड्स की मात्रा में कमी न होने दें, इससे भी वायरल फीवर से निपटने में मदद मिलेगी।

- डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब की गई दवा की डोज को बीच में न छोड़े, पूरा कोर्स करें।

- ऐसे बच्चे जिन्हें पहले से सर्दी, खांसी, जुकाम हों उन बच्चों के संपर्क से अपने बच्चों को दूर रखें।

- बच्चों को फिट और हेल्दी रखने के लिए बैलेंस्ड डायट भी जरूरी है, बच्चों का बाहर का कुछ भी न खिलाएं।

- साफ-सफाई का ध्यान रखें। बच्चों के हाथ अच्छे से धुलाएं, साफ कपड़े पहनाएं, सफाई से रहना सिखाएं।


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