बैलगाड़ी पर सवार होकर छठ घाट पहुंचे व्रती
बगहा। लोक आस्था का महापर्व छठ सामाजिक समरसता का संदेश देता है। इस त्योहार का बिहार में बड़ा ही महत्व है।
बगहा। लोक आस्था का महापर्व छठ सामाजिक समरसता का संदेश देता है। इस त्योहार का बिहार में बड़ा ही महत्व है। अब बिहार के साथ साथ दिल्ली, मुंबई समेत अन्य महानगरों में भी लोग छठ व्रत पूरी आस्था के साथ करते हैं। मंगलवार संध्या पहर एक ओर महंगे वाहन से लोग छठ घाट पहुंचे। वहीं कुछ लोग बैलगाड़ी से गंडक नदी के घाट पहुंचे। सैकड़ों लोगों ने एक साथ श्रद्धा और भक्ति के बीच माता छठी की पूजा अर्चना की और भगवान भाष्कर को अर्घ्य दिया। कई लोग मन्नत पूरी होने के बाद दंड प्रणाम करते हुए छठ घाट पहुंचे। बबुई टोला निवासी अनिल ¨सह का पुत्र राजा ¨सह दंड प्रणाम करते हुए करीब चार किलोमीटर की दूरी तय कर गोड़ियापट्टी घाट पहुंचा। युवक के साथ चल रहे लोगों ने पूछने पर बताया कि रोग होने के बाद उसने छठ मईया से मन्नत मांगी थी। अब वह निरोग हो चुका है। इसलिए माता के दरबार में अपनी हाजिरी लगा रहा है।