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अब वादे और झांसे से करेंगे किनारा, शर्त के साथ बढ़ेंगे हाथ

लोकसभा आम चुनाव की तिथि जैसे जैसे नजदीक आएगी प्रत्याशियों का दौरा बढ़ेगा। क्षेत्र में लोगों से मिलकर वे अपनी लुभावने वादे करेंगे और खुद को सबसे बेहतर बताएंगे। यहीं वह समय है जब हमें किसी के झांसे में नहीं आना होगा।

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Apr 2019 12:40 AM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 12:40 AM (IST)
अब वादे और झांसे से करेंगे किनारा, शर्त के साथ बढ़ेंगे हाथ
अब वादे और झांसे से करेंगे किनारा, शर्त के साथ बढ़ेंगे हाथ

बगहा । लोकसभा आम चुनाव की तिथि जैसे जैसे नजदीक आएगी, प्रत्याशियों का दौरा बढ़ेगा। क्षेत्र में लोगों से मिलकर वे अपनी लुभावने वादे करेंगे और खुद को सबसे बेहतर बताएंगे। यहीं वह समय है जब हमें किसी के झांसे में नहीं आना होगा। युवा पीढ़ी चाहे तो इतिहास बदल सकती है। अब वाल्मीकिनगर संसदीय क्षेत्र में जो भी विकास कार्य होंगे, उसका सीधा लाभ युवा पीढ़ी को ही होगा। इसलिए सजगता के साथ प्रत्याशियों के वादे नहीं, उनकी कार्यशैली व पुराने क्रियाकलाप के आधार पर उनका आकलन करने की जरूरत है। उपरोक्त बातें शिक्षक सुमन कुमार ने गुरुवार को छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहीं। नगर के बगहा दो में संचालित सुगम क्लासेज में चुनावी चौपाल का आयोजन किया गया। इस चौपाल में उन युवाओं ने हिस्सा लिया, जिनका नाम हाल में ही मतदाता सूची में शामिल हुआ है। बात संसदीय क्षेत्र की समस्याओं पर चली तो युवाओं का दर्द उभर कर सामने आ गया। स्कूलों में शिक्षकों की कमी, डिग्री कॉलेज की स्थापना और बेरोजगारी चर्चा के केंद्र में रही। युवाओं ने कहा कि आज जब तकनीकी इतनी विकसित हो चुकी है कि हम चांद पर घर बनाने का सपना देख रहे, इस संसदीय क्षेत्र में बच्चों को पढ़ने के लिए ढंग के स्कूल नहीं हैं। अधिकांश स्कूलों में विषयवार शिक्षक नहीं हैं। हद तो यह कि इलाके में एक अदद सरकारी कॉलेज तक नहीं है। आजादी के इतने साल तक हमने कई जनप्रतिनिधि चुने, लेकिन किसी ने न तो इस समस्या को अपने एजेंडे में शामिल किया और न ही कभी आवाज उठाई। बेरोजगारी ने बेबस कर रखा है। युवाओं ने कहा कि हम इस बार प्रत्याशियों के झांसे में नहीं आनेवाले। उनसे लिखित आश्वासन लेंगे। जो हमारी शर्तो को पूरा करेगा, उसे ही वोट देंगे।

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युवा वोटरों ने कहा :-

स्कूलों में शिक्षकों की कमी :-

दसवीं तक की पढ़ाई की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के अभाव के कारण कोर्स पूरा नहीं हो पाता। बगहा अनुमंडल आज भी शिक्षा के पैमाने पर काफी पीछे चल रहा है।

विशाल कुमार, छात्र तकनीकी शिक्षा की हो व्यवस्था :-

तकनीकी रूप से दक्ष युवा कही भी नौकरी कर सकते हैं। आइटीआइ कॉलेज को छोड़ अबतक यहां कोई व्यवस्था नहीं की गई है। मुख्यमंत्री ने पॉलीटेक्निक कॉलेज की घोषणा की थी, इसकी स्थापना जल्द हो।

शशि कुमार, छात्र डिग्री कॉलेज की हो व्यवस्था :-

आज के इस दौर में हजारों युवा छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए बड़े शहरों का रुख करना पड़ता है। यह निश्चित रूप से निराशाजनक है। डिग्री कॉलेज की अविलंब स्थापना होनी चाहिए।

सुग्रीव कुमार, छात्र दूर हो बेरोजगारी, स्वत: विकसित हो जाएगा इलाका :-

मेरा मानना है कि विकास के लिए अतिरिक्त प्रयास करने से अच्छा है कि यहां के लोगों की शिक्षित बना दिया जाए तथा युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किये जाए। इससे स्वत: सारी समस्याएं दूर हो जाएंगी।

पवन कुमार यादव, छात्र वोट उसी को जो पूरी करेगा हमारी मांग :-

मुझे पहली बार वोट देने का मौका मिला है। हम ऐसे इलाके में रहते हैं जहां एक भी सरकारी डिग्री कॉलेज नहीं है। अंगीभूत कॉलेजों की शिक्षा व्यवस्था लचर है। इसलिए जो यहां उच्च शिक्षा की व्यवस्था का वादा करेगा, वोट उसी को देंगे।

शिवानी कुमारी, छात्रा प्रत्याशियों के घोषणा पत्र में शामिल हो बेरोजगारी का मुद्दा :-

प्रत्याशियों को अपने घोषणापत्र में बेरोजगारी के मुद्दे को शामिल करना चाहिए। आज इलाके के आधे से अधिक युवा बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। लोक लुभावन वादे से अच्छा है कि जमीनी तौर पर रोजगार सृजन के दिशा में प्रयास हो।

रितु कुमारी, छात्रा कब तक रहेगा कोचिग ट्यूशन का सहारा :-

प्राथमिक स्तर की शिक्षा-व्यवस्था भी भगवान भरोसे होकर रह गई है। कई विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों को कोचिग ट्यूशन का सहारा लेना पड़ता है। सरकार को शिक्षा व्यवस्था सुदृढ करने की जरूरत है।

अन्नया कुमारी, छात्रा तकनीकी शिक्षा की हो व्यवस्था :-

तकनीकी रूप से दक्ष युवा कहीं भी नौकरी कर सकते हैं। क्षेत्र में एक आइटीआइ कॉलेज को छोड़ कर तकनीकी शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। पॉलीटेक्निक कॉलेज की स्थापना की घोषणा हुई थी। इसे धरातल पर लाया जाए।

प्रिया कुमारी, छात्रा


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