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पर्यटन मैप पर वाल्मीकिनगर को मिलेगी नई पहचान, मिलेगा लोगों को रोजगार

ईको टूरिज्म की संभावनाएं तलाशने वीटीआर पहुंचे वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के प्रधान सचिव ने कहा कि इसे और विकसित किया जायेगा, ताकि देश-विदेश से यहां पर्यटक आ सकें।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Sun, 29 Apr 2018 10:39 PM (IST)Updated: Mon, 30 Apr 2018 08:29 PM (IST)
पर्यटन मैप पर वाल्मीकिनगर को मिलेगी नई पहचान, मिलेगा लोगों को रोजगार
पर्यटन मैप पर वाल्मीकिनगर को मिलेगी नई पहचान, मिलेगा लोगों को रोजगार

पश्चिमी चंपारण [जेएनएन]। वन संरक्षण एवं ईको टूरिज्म की संभावनाओं को तलाशने पहुंची अधिकारियों की टीम ने वन क्षेत्र का भ्रमण किया। यहां पहुंचे वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के प्रधान सचिव त्रिपुरारी शरण ने कहा कि करीब 900 वर्ग किमी में फैले वाल्मीकि व्याघ्र परियोजना को पर्यटन के नजरिए से और विकसित किया जाएगा। यह देश-विदेश के पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण के केंद्र के साथ रोजगार का भी जरिया बनेगा।

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त्रिपुरारी शरण ने कहा कि वाल्मीकिनगर में ईको टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं। गंडक बराज के जलाशय का नजारा एवं टाइगर रिजर्व की खूबसूरती पर्यटकों को आकर्षित करेगी। यहां पर बम्बू हट और अन्य सुविधाओं को विकसित कर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग प्रयासरत है। पर्याप्त संसाधन मुहैया कराए जाएंगे। गंडक बराज जलाशय के किनारे लोगों को आकर्षित करने के लिए अधिकारियों से वार्ता जारी थी। वीटीआर में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के बिंदु पर रणनीति बनाई जा रही है। स्थानीय लोगों को प्रशिक्षित कर रोजगार भी देने की योजना है। 

उन्होंने कहा कि पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए जंगल के सर्विस मार्ग को भी ठीक करना होगा। उन्होंने चूलभट्ठा क्षेत्र के कटावरोधी कार्य का निरीक्षण किया।


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