समस्या बरकरार, झांकते नहीं जिम्मेदार
बगहा। रामनगर को नगर पंचायत का दर्जा मिले 18 साल हो गए। हाल में सरकार ने इसे नगर परिषद बनाने
बगहा। रामनगर को नगर पंचायत का दर्जा मिले 18 साल हो गए। हाल में सरकार ने इसे नगर परिषद बनाने की घोषणा कर दी, लेकिन स्थायी बस पड़ाव की व्यवस्था नहीं होने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्य सड़कों से ही बेतिया, बगहा, वाल्मीकिनगर आदि जगहों के लिए बसें खुलती हैं। इससे जाम की समस्या झेलनी पड़ती है।
जिला परिषद के पास पर्याप्त जमीन
नगर के वार्ड 21 में जिला परिषद करीब करीब तीन एकड़ जमीन है। यहां बस स्टैंड बनाया जा सकता है। इधर, मसान कॉलोनी में पांच एकड़ से अधिक भूमि है, जिस पर अतिक्रमण किया जा चुका है। नगर पंचायत प्रशासन की तरफ से इस दिशा में अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई।
कहते हैं पूर्व पार्षद
पूर्व वार्ड पार्षद विजेंद्र चौबे का कहना है कि तत्कालीन मंत्री अर्जुन विक्रम शाह ने डाक बंगला परिसर में ही बस पड़ाव की व्यवस्था कराई थी, लेकिन कुछ दिनों बाद बंद हो गया। 2016 में तत्कालीन डीडीसी ने भी इस स्थल का निरीक्षण किया, लेकिन इस दिशा में कार्य नहीं बढ़ सका। बयान
वार्ड पार्षद सह पूर्व उप मुख्य पार्षद पूनम द्विवेदी का कहना है कि डाक बंगला के आसपास लोगों के घर हैं। इसलिए इस स्थल पर कई तरह की समस्याएं हैं। मसान कॉलोनी की भूमि पर स्थायी बस पड़ाव के बारे में उप मुख्य पार्षद के पद पर रहते हुए पत्र लिखा गया था। विधायक ने पहल की है। कहते हैं स्थानीय लोग
नगर के अनिल राय का कहना है कि इसका स्थायी निदान नहीं निकाला गया। इसके कारण आज भी लोगों की समस्या बरकरार है। इसका त्वरित उपाय होना चाहिए। लक्ष्मण साह कहते हैं कि वर्षों से यह हालत देखते आ रहे हैं। इसका उपाय नहीं हुआ। यहां से नित्य दिन दर्जनों बसें खुलती हैं, लेकिन इन बसों के लिए कोई जगह ही निर्धारित नहीं है। मनोज कुमार कहते हैं कि बस स्टैंड बहुत जरूरी है।