बांस-बल्ले के सहारे बिजली आपूर्ति, खतरे में रहती जान
बगहा। सरकार ने भले ही हर गांव तक बिजली पहुंचा दी है लेकिन कई जगहों पर आपूर्ति अब भी ब
बगहा। सरकार ने भले ही हर गांव तक बिजली पहुंचा दी है, लेकिन कई जगहों पर आपूर्ति अब भी बांस-बल्ले के सहारे हो रही है। इससे हमेशा लोगों की जान पर खतरा बना रहता है।
बगहा अनुमंडल के गंडक पार के चार प्रखंडों मधुबनी, ठकराहां, भितहां व पिपरासी के कई गांवों में करीब तीन साल पूर्व विद्युत आपूर्ति शुरू हुई। इनमें से कुछ गांवों में सीमेंट के खंभों की जगह बांस-बल्ले के सहारे विद्युत आपूर्ति हो रही। बानगी के रूप में कोल्हुआ चौतरवा पंचायत के धूस टोला को लिया जा सकता है। इस गांव की आबादी 2500 है। करीब 500 परिवार रहते हैं। बिजली विभाग ने सभी परिवारों को कनेक्शन दे रखा है, लेकिन आपूर्ति के लिए बांस-बल्ले के सहारे हाई टेंशन तार दौड़ा दिया गया है। सबसे बड़ी बात यह कि विभाग ने गार्ड वायर का भी प्रयोग नहीं किया है। यदि कभी तार टूटकर गिरा तो बड़ा हादसा हो सकता है। इसके अलावा भी कुछ गांवों में बांस-बल्ले पर तार लगाकर बिजली आपूर्ति की गई है।
गांव में घुसते ही दिखने लगती हकीकत
बिजली आपूर्ति के लिए धूस टोला गांव में सड़क किनारे लगे बांस-बल्ले विभागीय उदासीनता की हकीकत बयां करते हैं। इस मार्ग से किसान गन्ना, धान सहित अन्य फसलों को ट्रैक्टर व टायरगाड़ी से लेकर आते-जाते हैं। लोग इस बात को लेकर भयभीत रहते हैं कि कहीं यदि ट्रैक्टर हाईटेंशन तार की चपेट में आ गया तो जान भी जा सकती है। स्थानीय मोहर्रम बैठा, जमरूल अंसारी, वहाब मियां, जुम्मन मियां, मो. रफीउद्दीन व वैश अहमद ने बताया कि कई बार विभाग के अधिकारियों को पोल की व्यवस्था के लिए आवेदन दे चुके हैं। अब तक कोई ठोस व्यवस्था नहीं हो सकी। शहर में पोल व गार्ड वायर लगाने का काम पूरा हो चुका है। ग्रामीण क्षेत्र में इस काम की जवाबदेही विभाग ने अशोका और वोल्टास कंपनी को सौंपी है। जल्द ही बांस-बल्लों से निजात मिलेगी।
रवि प्रकाश, सहायक अभियंता, प्रोजेक्ट