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गंडक नदी के जलस्तर में कमी के बाद भी परेशानी जस की तस

गंडक नदी रौद्र रूप दिखाने के बाद धीरे-धीरे शांत होने लगी है। लेकिन गंडक नदी के जलस्तर में कमी के बाद भी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में परेशानी जस की तस बनी हुई है। बाढ़ में अब भी कई निचले इलाके फंसे हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Jul 2020 01:20 AM (IST)Updated: Fri, 24 Jul 2020 01:20 AM (IST)
गंडक नदी के जलस्तर में कमी के बाद भी परेशानी जस की तस
गंडक नदी के जलस्तर में कमी के बाद भी परेशानी जस की तस

बगहा । गंडक नदी रौद्र रूप दिखाने के बाद धीरे-धीरे शांत होने लगी है। लेकिन गंडक नदी के जलस्तर में कमी के बाद भी बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में परेशानी जस की तस बनी हुई है। बाढ़ में अब भी कई निचले इलाके फंसे हुए हैं। लिहाजा प्रशासन के लिए भी चुनौती बरकरार है। हालांकि नदी का रुख अब घटाव की ओर होने से तटवर्ती इलाकों में चिता कुछ कम हुई है। गुरुवार की शाम चार बजे तक गंडक का जलस्तर दो लाख 64 हजार क्यूसेक था।

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गंडक नदी के प्रवाह की वजह से चकदहवा, कान्ही टोला, बीन टोला,झंडु टोला के लोगों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है। बाढ़ का पानी धीमी गति से कम होने की वजह से घर छोड़कर दूसरी जगह आसरा लिए लोग अब भी बाढ़ की वजह से अगले कुछ दिनों तक वापस नहीं जा सकते। जबकि कई इलाकों में बाढ़ का पानी अब एकत्र होने से बीमारी भी फैलने की संभावना बढ़ने लगी है। दूसरी ओर गंडक में बाढ़ के उतरने के साथ ही घर के गिरने की घटनाओं में भी वृद्धि हो गई है। आए दिन किसी न किसी जगह झोपड़ी गिर रही है। इस बाबत बीडीसी गुलाब अंसारी ने बताया कि जिन इलाकों में पानी कम हुआ है वहां फसल कुछ हद तक सुरक्षित है। मगर जहां पानी लगा हुआ है। वहां पर फसल खराब होने लगी है।


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