वन विभाग से एनओसी मिलने के बाद भितिहरवा तक दौड़ेगी ट्रेन
बेतिया। नरकटियागंज -भिखनाठोरी रेलखंड में अप्रैल 2020 तक ट्रेन चलने की संभावना है।
बेतिया। नरकटियागंज -भिखनाठोरी रेलखंड में अप्रैल 2020 तक ट्रेन चलने की संभावना है। लेकिन पहले फेज में ट्रेन अमोलवा तक ही चलेगी। जंगल के रास्ते से ट्रेन चलाने को लेकर वन विभाग की ओर से एनओसी मिलने के बाद भितिहरवा आश्रम तक ट्रेन चलेगी। इस रेलखंड में आमान परिवर्तन के लिए परिचालन बंद करने के पांच साल पूरे हो गए है। 16 अप्रैल 2015 को परिचालन बंद किया गया था। हालांकि आमान परिवर्तन का कार्य करीब दो वर्ष बाद शुरू हुआ। अब अमोलवा स्टेशन तक आमान परिवर्तन का कार्य अंतिम चरण में है। अप्रैल से इस रेलखंड में अमोलवा तक ट्रेन दौड़ाने की तैयारी है। लेकिन इस रेलखंड से जुड़े थरूहट इलाके के सर्वाधिक लोगों को अमोलवा तक परिचालन के बाद भी उपलब्ध नहीं हो सकेगा। वजह है कि गौनाहा से भिखनाठोरी तक आमान परिवर्तन की फिलहाल कोई योजना नहीं है। गौनाहा तक भी परिचालन दूसरे फेज में प्रारंभ होगा। रेल अधिकारी गौनाहा- भिखनाठोरी खंड में आमान परिवर्तन के लिए वन विभाग से अब तक एनओसी नहीं मिलने की बात बता रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि वन विभाग से एनओसी मिलने के बाद भिखनाठोरी तक ट्रेनें दौड़ेगी।
------------------------------------------------------------------------- मॉडल स्टेशन रह गया सपना
भितिहरवा गांधी आश्रम के नाम पर खुले स्टेशन को लोग आमान परिवर्तन के साथ हीं मॉडल स्टेशन के रूप में देखना चाहते हैं। गांधीवादी विचारक और श्रीरामपुर निवासी अनिरुद्ध प्रसाद चौरसिया ने बताया कि 2 अक्टूबर 2004 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के समक्ष भितिहरवा में मैंने यह प्रस्ताव रखा था। गांधी आश्रम के अलावा आसपास कई पर्यटन स्थल हैं। वहां तक पर्यटकों को पहुंचने के लिए यह स्टेशन सबसे सुगम है। इस स्टेशन के विकास के लिए मांग उसी समय रखी थी। लेकिन इस रेलखंड में रेलवे कब से परिचालन शुरू करेगा। इस दिशा में यहां स्टेशन से जुड़े काफी कार्य लंबित हैं। जबकि इस मामले में लगातार रेल और प्रधानमंत्री कार्यालयों से पत्राचार किया गया है।
----------------------------------------------- प्राइवेट वाहन चालकों की दबंगई
थरूहट के लोग आमान परिवर्तन के साथ ट्रेनों के परिचालन के इंत•ार में हैं। अमोलवा, बेलवा, माधोपुर, भितिहरवा, श्रीरामपुर, गौनाहा, सिट्ठी समेत दर्जनों गांव की बड़ी आबादी को पांच साल से इस सुविधा का अभाव खटक रहा है। ट्रेन से यात्रा में जिस दूरी के लिए दस रुपये देने पड़ते थे, सड़क मार्ग से उसके लिए 25 रुपये तथा ऑटो के लिए 30 रुपये देने पड़ रहे हैं। गौनाहा निवासी मो मोबिन अहमद ने बताया कि आमान परिवर्तन के नाम पर पांच वर्षों से ट्रेनों का परिचालन बंद है। माधोपुर निवासी अखिलेश शर्मा, वार्ड सदस्य दिनेश शर्मा ने बताया कि ट्रेनों के परिचालन नहीं होने से बस और टेंपो चालकों के द्वारा शोषण किया जाता है।
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कोट----------
आमान परिवर्तन का कार्य तेजी से चल रहा है। नरकटियागंज से अमोलवा तक अप्रैल से ट्रेन चलने की पूरी संभावना है।
लालबाबू राउत,
स्टेशन प्रबंधक, नरकटियागंज