बच्चों पर जंगल सफारी से रोक हटने के बाद वीटीआर में पर्यटकों की चहलकदमी बढ़ी
कोरोना संक्रमण को लेकर वीटीआर में 10 साल तक के बच्चों पर रोक हटने से पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है। इससे पहले पर्यटकों की संख्या में कमी दर्ज की जा रही थी।एक मार्च से रोक हटने के बाद ही जंगल सफारी करने वालों की संख्या बढ़ी है।
बगहा । कोरोना संक्रमण को लेकर वीटीआर में 10 साल तक के बच्चों पर रोक हटने से पर्यटकों की संख्या बढ़ गई है। इससे पहले पर्यटकों की संख्या में कमी दर्ज की जा रही थी।एक मार्च से रोक हटने के बाद ही जंगल सफारी करने वालों की संख्या बढ़ी है।
कोरोना संक्रमण के कारण वीटीआर प्रशासन ने नए पर्यटन सत्र की शुरूआत से ही 10 साल तक के बच्चों के भ्रमण पर रोक लगा दी थी। जिससे 35 से 40 साल तक की उम्र के पर्यटकों की संख्या काफी कम हो गई थी। वीटीआर प्रशासन ने इस पर विचार किया तो समझ में आया कि यह बच्चों पर रोक लगाने के कारण हो रहा है। क्योंकि, अधिकतर पर्यटकों के साथ बच्चे होते हैं। बच्चों पर प्रतिबंध लगने के कारण ऐसे युगलों ने भी वीटीआर आने से किनारा करने लगे। जबकि इसी उम्र के लोग सर्वाधिक जंगल सफारी करने आते हैं। बच्चों के लिए जंगल सफारी खुलने के बाद से पर्यटकों की संख्या में इजाफा देखा जा रहा है। फरवरी में आए थे 1500 पर्यटक
फरवरी माह में पार्क में 1500 से अधिक पर्यटक आए थे तो मार्च माह के 18 दिनों में ही 2000 पर्यटक वीटीआर आ चुके हैं। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व पर मंडरा रहे कोरोना संक्रमण के काले बादल अब धीरे धीरे छटते से नजर आ रहे हैं। कोविड-19 के चलते वीटीआर पहुंचने वाले पर्यटकों पर वीटीआर प्रशासन द्वारा लगाई गई पाबंदियों में ढील दिए जाने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है। वीटीआर प्रशासन ने पहुंचने वाले सैलानियों को पूर्व की भांति सुविधाएं उपलब्ध कराई जाने लगी हैं। हालांकि जंगल सफारी के दौरान जिप्सी में सिर्फ चार सैलानियों को बैठने की इजाजत है। कोविड-19 के मद्देनजर लगाई गई पाबंदियों के हटने के बाद वीटीआर पहुंचने वाले सैलानियों को खासा राहत मिल रही है। इस बाबत वाल्मीकिनगर रेंजर महेश प्रसाद ने बताया कि एक मार्च से बच्चों को भी जंगल सफारी के लिए छूट दी गई है। तमाम पर्यटक दूर से आते हैं, उनको नियम की जानकारी नहीं होती, ऐसे में थोड़ी सहूलियत दी गई है। इसे लागू रखने में उच्चाधिकारियों के निर्देश का पालन किया जा रहा है।