अर्थशास्त्र में आंकड़ों के विश्लेषण से मिलता है बेहतर अंक
पश्चिम चंपारण। अर्थशास्त्र में डायग्राम का विशेष महत्व होता है। खासकर दीर्घउत्तरीय सवालों को हल करने में डायग्राम काफी मददगार साबित होते हैं।
पश्चिम चंपारण। अर्थशास्त्र में डायग्राम का विशेष महत्व होता है। खासकर दीर्घउत्तरीय सवालों को हल करने में डायग्राम काफी मददगार साबित होते हैं। जिस सवाल में डायग्राम की जरूरत होती है, उसमें पूरे-पूरे अंक मिलने की उम्मीद रहती है। उक्त बातें शुक्रवार को दैनिक जागरण के कॅरियरशाला में अर्थशास्त्र के प्रो. एनके बैठा ने परीक्षार्थियों को टिप्स दी। इंटर की परीक्षा में अर्थशास्त्र विषय की तैयारी के लिए ग्राफ एवं आंकड़ों का विश्लेषण पर पकड़ होनी चाहिए। परीक्षार्थियों को अपने ही भाषा में उत्तर देने की कोशिश करनी चाहिए। प्रश्नों को समझें और उतर अपने हिसाब से दें। अपनी भाषा में दिया गया उत्तर सटीक अंक दिलाता है। अर्थशास्त्र में दो पुस्तकें पढ़ना होता है। माइक्रो अर्थशास्त्र एवं मैक्रो अर्थशास्त्र। माइक्रो या व्यष्टि अर्थशास्त्र में परिचय 5 अंक का होता है। उपभोक्ता व्यवहार एवं योग से 12 अंक के, उत्पादक व्यवहार एवं पूर्ति से 17 अंक के, बाजार एवं मूल्य निर्धारण से 10 अंक के एवं मांग और आपूर्ति से 6 अंक के प्रश्न पूछे जाते है। इसी प्रकार मैक्रो अथवा समष्टि अर्थशास्त्र से 50 अंक के प्रश्न पूछे जाते है। जिसमें राष्ट्रीय आय एवं मापण से 15 अंक का, आय एवं रोजगार निर्धारण से 12 अंक का, मुद्रा एवं बैंकिग से 9 अंक का, बजट एवं अर्थव्यवस्था से 9 अंक का एवं भुगतान संतुलन से 5 अंक के प्रश्न पूछे जाते है।
इनसेट
क्रमबद्ध प्रश्नों का दें जवाब
अर्थशास्त्र में 50 अंक के वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे। इसमें लघु उत्तरीय प्रश्न पूछे जाएंगे। परीक्षार्थियों को सूझबूझ एवं आंकड़ों का विश्लेषण के साथ उत्तर देनी चाहिए। परीक्षा हॉल में समय का प्रबंधन जरूरी परीक्षा के दौरान समय का पूरा ख्याल रखें। पेंचीदा सवाल में उलझने की जरूरत नहीं है। जो प्रश्न का जबाव आता है उसका उत्तर पहले दे। लेकिन ध्यान रहे कि क्रमबद्ध प्रश्नों का जबाव दें। ताकि कॉपी देखने के समय परीक्षक पूरा अंक दे सके। इससे परीक्षार्थियों की तैयारी का पता चलता है। अनावश्यक बातों पर ध्यान नहीं देकर सटीक उतर देने की कोशिश करें।