मनियारी में पहुंचा बाघ, एक गाय की ली जान
बेतिया। बीटीआर से निकल कर रिहायशी इलाकों में बाघ की चहलकदमी पर रोक नहीं लग सकी। जंगल से लगे गौनाहा क्षेत्र के लोग बाघ के आतंक से अभी उबर भी ना पाए कि अब बाघ नरकटियागंज के मनियारी गांव के पास पहुंच गया है।
बेतिया। बीटीआर से निकल कर रिहायशी इलाकों में बाघ की चहलकदमी पर रोक नहीं लग सकी। जंगल से लगे गौनाहा क्षेत्र के लोग बाघ के आतंक से अभी उबर भी ना पाए कि अब बाघ नरकटियागंज के मनियारी गांव के पास पहुंच गया है। शुक्रवार की शाम मनियारी गांव के पास मनियारी नदी पुल के उत्तर मवेशियों और चरवाहों पर हमला कर दिया। इस क्रम में एक गाय को बाघ ने मार डाला है। हालांकि कई अन्य गायों के साथ भागकर चरवाहे अपनी जान बचा पाए हैं। बताया जाता है कि परसोतीपुर गांव निवासी जवाहिर यादव का पुत्र परमेश्वर यादव गायों को लेकर पुल के उत्तर सरेह में चरा रहा था। नदी के तटीय क्षेत्र में झाड़ियां अधिक उगने के कारण उन्हें मवेशियों को चराना आसान होता है। इसी नदी, गन्ना और झाड़ियों से होकर बाघ भी कुकरा पंचायत क्षेत्र में पहुंच गया। जैसे ही बाघ की दहाड़ सुनी। चरवाहे मवेशियों को लेकर भागने लगे। उसमें तेजी से नहीं भाग सकने वाली एक बूढ़ी गाय उसकी चपेट में आ गई और बाघ ने गाय को मार डाला। लोगों का कहना है कि वन विभाग लापरवाही बरत रहा है। जंगल से ऐसे हिसक पशु रिहायशी इलाकों में निकल रहे हैं। लेकिन उन्हें जंगल की ओर मोड़ने के लिए समुचित प्रयास नहीं किया जा रहा। इस वजह लोगों ने खेत खलिहानों की ओर जाना छोड़ दिया है। शाम के बाद से तो जंगल के समीपवर्ती गांव में लोगों के हाथ कलेजे पर आ जाते हैं। मनियारी गांव निवासी सुजीत कुमार कुशवाहा ने बताया कि मनियारी, कुकुरा, परसोतीपुर समेत आस-पास के गांवों में काफी दहशत है। जंगल से करीब पंद्रह किलोमीटर दूर मनियारी के आसपास बाघ की चहलकदमी से लोग भयभीत हैं। बुधवार की शाम बाघ के हमला में कई मवेशी और चरवाहे बाल बाल बचे। हालांकि एक गाय को बाघ ने मार डाला है। उधर फॉरेस्टर प्रमोद चौधरी ने घटना के संबंध में बताया कि बाघ का पगमार्क ट्रेकिग कर लिया गया है। हमारी टीम सुबह से यहां पर तैनात है ताकि कोई अप्रिय घटना नहीं घटे।