पूर्व जिला कल्याण पदाधिकारी पर गबन की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद हड़कंप
बेतिया । बगहा थाने में तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी आशुतोष शरण के खिलाफ गबन की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप है।
बेतिया । बगहा थाने में तत्कालीन जिला कल्याण पदाधिकारी आशुतोष शरण के खिलाफ गबन की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद प्रशासनिक महकमे में हड़कंप है। पूर्व में गबन के मामले में कई बार चर्चा में रहे यह कार्यालय एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। हालांकि यह मामला पूर्व का है, लेकिन इसको लेकर आज भी कई कर्मी दशहत में हैं। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद इसकी जांच में जुट गई है। पुलिस की जांच में इस गबन के मामले में कई लोगों की संलिप्तता उजागर हो सकती है। वैसे तो जिला कल्याण कार्यालय के लिए गबन का कोई यह नया मामला नहीं है। यह कार्यालय इसके लिए हमेशा चर्चा में रहा है। चाहे वह फर्जी हस्ताक्षर कर चेक राशि के भुगतान का मामला हो या छात्रों के छात्रवृति मद के भुगतान का मामला। सभी मामलों में इसमें संलिप्त कर्मी अपनी घिनौनी कार्यशैली से बाज नहीं आए हैं और उनकी संलिप्तता सारे महकमे को दहशत में डालते रहा है। वर्तमान में जो प्राथमिकी दर्ज की गई है, उसमें उपस्कर खरीद में वितीय अनियमितता को लेकर है। इस मामले ने एक बार फिर जिला कल्याण कार्यालय को चर्चा में ला दिया है। जिला कल्याण कार्यालय में इसके पूर्व भी नाजीर पद पर रहे दो लिपिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है। वर्तमान में प्राथमिकी का यह तीसरा मामला है। जिनपर गबन की प्राथमिकी दर्ज हुई है।
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आखिरकार डीडब्ल्यूओ के साथ साए की तरह रहनेवाला कौन
जानकार बताते हैं कि जब अवकाश प्राप्त जिला कल्याण पदाधिकारी आशुतोष शरण की पदस्थापन बेतिया में हुई थी, तभी से सहरसा का एक व्यक्ति हमेशा साए की तरह उनके साथ रहता था। उसी के फर्जी कंपनी के नाम पर उपस्कर आपूर्ति का क्रयादेश भी जारी किया गया। बताते हैं कि अपने पदस्थापन काल में जितने दिनों तक आशुतोष शरण रहे, उतने दिनों तक साए की तरह रहनेवाले उसी व्यक्ति के चार पहिया वाहन का भाड़े के रूप में इस्तेमाल करते थे। सूत्रों के अनुसार संबंधित व्यक्ति ही उनके सभी सुख सुविधाओं का ख्याल रखता था।
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वर्ष 2019 की शुरुआत में ही हुआ था खुलासा
जिला कल्याण कार्यालय के अधीन संचालित आवासीय विद्यालयों में उपस्कर खरीदारी में वितीय अनियमितता के मामले का खुलासा वर्ष 2019 में ही जनवरी माह में हो गया था। तत्कालीन जिलाधिकारी निलेश रामचंद्र देवरे ने मिले शिकायत पत्र के आधार पर बगहा के तत्कालीन अनुमंडल पदाधिकारी विजय प्रकाश मीणा ने जुलाई 2019 में जांच प्रतिवेदन समर्पित करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा था कि उपस्कर खरीदारी में गबन का मामला स्पष्ट हो रहा है। उन्होंने बताया था कि आलमीरा, स्टील का जग, डस्टबीन, बास्केट आदि की गुणवत्ता काफी घटिया किस्म की थी। बावजूद इसके जिला कल्याण पदाधिकारी पर कोई कार्रवाई नही की गई। अंतत: अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण विभाग के संयुक्त सचिव ने भी मामले की जांच की। उनके जांच के बाद विभाग सक्रिय हुआ है और अंतत: गबन की प्राथमिकी दर्ज की गई।