फिर सरहटवा सरेह में पहुंचा बाघ, दहशत में लोग
वीटीआर के जंगल से निकल कर एक बाघ फिर रामनगर प्रखंड के सरहटवा गांव के सरेह में पहुंच गया। सरेह में गन्ने की सिचाई कर रहे दो मजदूरों ने बाघ को देखा।
बगहा । वीटीआर के जंगल से निकल कर एक बाघ फिर रामनगर प्रखंड के सरहटवा गांव के सरेह में पहुंच गया। सरेह में गन्ने की सिचाई कर रहे दो मजदूरों ने बाघ को देखा। मजदूर सुमन यादव व संतोष यादव ने बताया कि रात में गन्ने की सिंचाई कर रहे थे। खेत में मचान बना हुआ है। उसी पर चढ़कर सो रहे थे। अचानक बाघ के दहाड़ने की आवाज सुनाई दी। नींद खुली तो बाघ मचान के नीचे खड़ा था। हालांकि, दस मिनट के बाद बाघ फिर गन्ने के खेत में घुस गया। सुबह में दोनों भाग कर गांव में आए। गांव के लोगों को जानकारी दी। उसके बाद दर्जनों ग्रामीण सरेह में गए। मचान के समीप बाघ का स्पष्ट पग मार्क मिला। ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना गोबर्द्धना वन विभाग को दी। गोबर्द्धना रेंजर मानवेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि सरहटवा गांव के ग्रामीणों ने बाघ के चहलकदमी की सूचना दी है। खजुरिया व सरहटवा गांव के बीच सरेह में वनकर्मियों को बाघ की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भेजा गया है। अभी तक बाघ का पगमार्क नही मिला है। संभव है कि पिछले माह में बाघ उस इलाके में डेरा डाले हुए था। इस वजह से भी भयभीत मजदूरों को लगा होगा कि बाघ आया है। निगरानी के लिए वनकर्मियों की टीम को लगाया गया है।
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