मुख्य सड़कें चकाचक, गलियों में कचरे का अंबार
बगहा। रामनगर नगर क्षेत्र में सफाई अभियान चलाकर भले ही मुख्य सड़कों को चकाचक किया जा रहा है परन्तु इसक
बगहा। रामनगर नगर क्षेत्र में सफाई अभियान चलाकर भले ही मुख्य सड़कों को चकाचक किया जा रहा है परन्तु इसके इतर गलियों व मुहल्लों की दशा अब भी दयनीय है। सफाई कर्मियों की फौज के साथ ही लाखों रुपयों के कई उपकरण होने के बावजूद भी नगर पंचायत के लोगों को कूड़ों से निजात नहीं मिल पा रहा है। यह केवल एक वार्ड की कहानी नहीं है। बल्कि नगर के कई वार्डों में इस तरह की स्थिति है। कुछ जगहों पर इन कूड़ों के ढेर से सड़ांध वाली बदबू के कारण इस स्थान से लोग नाक पर रूमाल, गमछा आदि रखकर गुजरते है। वही इस कूड़े के ढ़ेर पर रोज आवारा पशुओं जैसे सूअर, कुत्ता आदि का जमावड़ा लगा रहता है।
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लाखों का खर्च है सफाई व्यवस्था पर
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नगर पंचायत के कूड़ों के उठाव एवं साफ सफाई के लिए जहां 70 सफाई कर्मियों की लंबी चौड़ी फौज है। वहीं कूड़े के उठाव के लिए छोटे बड़े करीब बारह, ट्रैक्टर, टीपर मशीन के साथ ही नाला क्लिनर मशीन भी है। इसके अलावा सफाई व्यवस्था को और अधिक सु²ढ करने के लिए वार्डों में गैर सरकारी संस्था को घर घर से कूड़ों को उठाने के लिए ठेके पर यह काम दिया गया है। इन सभी पर अगर महीने का खर्च जोड़ा जाए है तो यह लाखों में आता है। पर उसके बाद भी नगर क्षेत्र में सफाई की व्यवस्था जितनी होनी चाहिए दिखाई नहीं देती है।
नगर पंचायत क्षेत्र की मुख्य सड़कों पर सफाई व्यवस्था भले ही चकाचक दिख जाए। पर वार्ड के अंदर की गलियों में गंदगी कहीं भी आराम से दिख जाती है। जब इसकी पड़ताल की गई तो वार्ड 03, वार्ड 05 एवं 10 में कूड़ा कहीं बिखरा मिला तो कहीं डस्टबिन से सड़ने वाली गंध भरे हुए कूडों के कारण उठती दिखाई दी।
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कूड़ा निस्तारण की नहीं है कोई व्यवस्था प्रत्येक दिन शहर से कूड़ों का ढेर निकलता है। जिसे नगर पंचायत के गाड़ियों में भरकर नगर के आसपास किसी खाली भूमि पर गिरा दिया जाता है। सुनने में यह भी आया है कि भू स्वामी को जब इसका पता चलता है तो नपं कर्मियों के साथ काफी बकझक होती है। हालांकि कुछ लोग ऐसे भी है जो इन कूड़ों से अपने खाली जमीन के गड्ढों को भरवा लेते है। इन फेंके गए कूड़ों से भी गंध उठती रहती है।
घर घर कूड़ों के उठाव के लिए जहां हजारों की संख्या में हाउसबिन नगर प्रबंधन के तरफ से वितरित किया गया है। तो दूसरी तरफ प्रत्येक चौक चौराहों पर करीब 2000 छोटे बड़े डस्टबिन खड़े किए गए है। पर यह अलग बात है कि कभी कभी इन डस्टबिनों के नदी नालों में पड़े होने की बात भी सामने आती है जिसे आनन फानन में उठाकर सही स्थल पर लगाया जाता है।
कुछ तो अभी भी नगर पंचायत की शोभा बने हुए ।
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बयान : सफाई कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि चाहे मुख्य सड़क हो या गली। सभी की सफाई होनी चाहिए। एनजीओ के तरफ से प्रत्येक दिन वार्डों में घूम घूमकर कूड़ों का उठाव कराया जाता है।
सावित्री देवी, मुख्य पार्षद बोर्ड की बैठक में कूड़ों के निस्तारण के लिए भूमि खरीदने का प्रस्ताव पारित हुआ है। जिसका निदान जल्द ही निकाला जाएगा। सफाई व्यवस्था को लेकर आम लोगों को भी जागरूक रहने की और नपं को सहयोग करने की आवश्यकता है। मीरा कुमारी, कार्यपालक पदाधिकारी नगर पंचायत