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गंडक बराज के फाटक में फंसी थी फिसिग कैट, वनकर्मियों ने किया रेस्क्यू

बगहा। ऐतिहासिक गंडक बराज के पांच नंबर फाटक में फिशिग कैट के फंसे होने की सूचना ि

By JagranEdited By: Published: Sun, 18 Oct 2020 12:40 AM (IST)Updated: Sun, 18 Oct 2020 12:40 AM (IST)
गंडक बराज के फाटक में फंसी थी  फिसिग कैट, वनकर्मियों ने किया रेस्क्यू
गंडक बराज के फाटक में फंसी थी फिसिग कैट, वनकर्मियों ने किया रेस्क्यू

बगहा। ऐतिहासिक गंडक बराज के पांच नंबर फाटक में फिशिग कैट के फंसे होने की सूचना मिलने से दर्जनों की तादाद में ग्रामीण जमा हो गए। वन विभाग ने रेस्क्यू आपरेशन के बाद फिशिग कैट को निकला। उसे जंगल में सुरक्षित छोड़ दिया गया है। शनिवार की सुबह ग्रामीणों ने फिशिग कैट को फाटक में फंसा देखा। इसकी सूचना वन विभाग को दी गई। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंच गई व रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू हुआ। करीब 45 मिनट के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद फाटक में फंसे फिशिग कैट को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। रेंजर महेश प्रसाद ने बताया कि फिशिग कैट यानी मछली को पकड़ने वाली बिल्ली की तादाद दिन प्रतिदिन घटती जा रही है। भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, इंडोनेशिया समेत दुनिया के कई मुल्कों में तो यह विलुप्ति की कगार पर पहुंच गई है। घरेलू बिल्लियों से दोगुनी आकार वाली यह बिल्ली मुख्यत: दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशियाई देशों में पाई जाती है। वनों के अंधाधुंध कटाई ने फिशिग कैट से उसका आशियाना छीन लिया है। इसके अलावा कृषि भूमि में कमी, मत्सय-पालन, अवैध शिकार और पशुधन मालिकों के साथ लगातार टकराव भी फिशिग कैट की घटती संख्या के अहम कारण हैं। भोजन की तलाश में यह वन क्षेत्र से बाहर आ जाती है। यह मछलियों के शिकार के लिए पानी में गोता लगाने के साथ ही तैरती भी है। यह मछली के अलावा मेंढक, क्रस्टेशियन, सांप सहित अन्य जलीय प्रजातियों को भी अपना शिकार बनाती है। रेंजर ने कहा कि पकड़े गए फिसिग कैट को जंगल में छोड़ दिया गया है।

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