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टूट गए मिथक, वाल्मीकिनगर में फिर लहराया एनडीए का परचम

इस बार लोकसभा चुनाव में कई रिकॉर्ड और कई मिथक टूट गए। वाल्मीकिनगर संसदीय क्षेत्र की राजनीति में जातीय फैक्टर अब तक सभी चुनावों में अहम माना जाता रहा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 May 2019 01:01 AM (IST)Updated: Fri, 24 May 2019 01:01 AM (IST)
टूट गए मिथक, वाल्मीकिनगर में फिर लहराया एनडीए का परचम
टूट गए मिथक, वाल्मीकिनगर में फिर लहराया एनडीए का परचम

बगहा । इस बार लोकसभा चुनाव में कई रिकॉर्ड और कई मिथक टूट गए। वाल्मीकिनगर संसदीय क्षेत्र की राजनीति में जातीय फैक्टर अब तक सभी चुनावों में अहम माना जाता रहा है। राजनीतिक पार्टियां भी यहां अपना उम्मीदवार जातीय फैक्टर को आधार मानकर तय करती आई थीं। इस बार के चुनाव में ही काफी जद्दोजहद के बाद महागठबंधन ने शाश्वत केदार को अपना उम्मीदवार बनाया था। लेकिन, पुराने मिथकों को दरकिनार करते हुए वोटरों ने अपना सांसद चुन लिया। मोदी की रणनीति, पांच वर्षो के विकास और देश की सुरक्षा के नाम पर मतदाताओं ने एनडीए के उम्मीदवार वैद्यनाथ प्रसाद महतो को जमकर वोट दिया। विगत चार मई को रामनगर के छंगुरही - बंजरिया में आयोजित विजय संकल्प रैली में प्रधानमंत्री मोदी ने विकास व देश की सुरक्षा के नाम पर ही लोगों से वोट की अपील की थी। इसलिए मोदी फैक्टर यहां भी खूब चला। युवा हो या बुजुर्ग वोटरों पर मोदी फैक्टर का असर पूरी तरह दिखाई दिया। वोटरों ने बता दिया है कि विकास और देश की सुरक्षा से बड़ा जातिवाद नहीं है। जातीय गणित के आधार पर चुनावी दंगल में उतरने वाले उम्मीदवारों को इस बार यहां के मतदाताओं ने करारा जवाब दिया है।

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